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तालिबान के कहर के बीच राष्ट्रपति गनी देंगे इस्तीफा, अली अहमद जलाली को मिलेगी सत्ता

जानकारी मिली है कि अफगानिस्तान में अब अशरफ गनी की जगह अली अहमद जलाली को सत्ता सौंप दी जाएगी. अली अहमद अफगानिस्तान के जर्मनी के लिए पूर्व राजदूत रह चुके हैं. राजनीति और कूटनीति में उनका एक लंबा अनुभव रहा है.

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अशरफ गनी देंगे इस्तीफा (Reuters)
अशरफ गनी देंगे इस्तीफा (Reuters)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • अफगानिस्तान में बनेगी अंतरिम सरकार
  • अली अहमद जलाली को मिलेगी सत्ता

अफगानिस्तान में तालिबान की बढ़ती ताकत की वजह से दहशत का माहौल बना हुआ है. कई इलाके अपने कब्जे में ले चुका तालिबान अब काबुल पर नजरे बनाए हुए है. दावा जरूर है कि आक्रमण नहीं किया जाएगा, लेकिन किसी को विश्वास नहीं और तालिबान का इतिहास भी ये मानने की इजाजत नहीं देता. लेकिन इस बीच अफगान सरकार में बड़ा फेरबदल होने जा रहा है. राष्ट्रपति अशरफ गनी अब सत्ता किसी और को सौंपने जा रहे हैं. देश में अंतरिम सरकार का गठन होने जा रहा है.

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अफगानिस्तान में बनेगी अंतरिम सरकार

जानकारी मिली है कि अफगानिस्तान में अब अशरफ गनी की जगह अली अहमद जलाली को सत्ता सौंप दी जाएगी. अली अहमद अफगानिस्तान के जर्मनी के लिए पूर्व राजदूत रह चुके हैं. राजनीति और कूटनीति में उनका एक लंबा अनुभव रहा है. ऐसे में अब जब देश तालिबान जैसे बड़े खतरे का सामना कर रहा है, तब देश की बागडोर कुछ समय के लिए अली अहमद जलाली के हाथों में दी जा रही है.

अली अहमद जलाली को मिलेगी सत्ता

तालिबानी नेता मुल्ला अब्दुल गनी ने खुद इस खबर की पुष्टि कर दी है. बताया गया है कि कुछ ही घंटों में ये बड़ा सत्ता परिवर्तन हो सकता है. अभी मुल्ला काबुल पहुंच चुके हैं और वहां पर सत्ता परिवर्तन को लेकर ही चर्चा चल रही है. बातचीत के दौरान उनकी तरफ से कहा गया है तालिबान काबुल पर बलपूर्वक कब्जा नहीं जमाएगा. बातचीत के जरिए ही कोई समाधान निकलेगा. न्यूज एजेंसी Reuters के मुताबिक कुछ ही देर में अली अहमद जलाली भी काबुल पहुंच जाएंगे और फिर उन्हें अंतरिम सरकार की सत्ता सौंप दी जाएगी.

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( अली अहमद जलाली)

सत्ता से क्यों हट रहे गनी?

अफगानिस्तान में इस बड़े सियासी फेरबदल की अटकलें लंबे समय से लगाई जा रही थीं. कहा जा रहा था कि अफगान सरकार और सेना तालिबान के सामने घुटने टेक चुकी है. तालिबान की लगातार ताकत बढ़ रही थी, वहीं अफगान की सरकार फैसले लेने में सक्षम नहीं दिख रही थी. यही वजह थी कि अशरफ गनी के इस्तीफे की मांग थी. अब वहीं बड़ा फेरबदल होने भी जा रहा है. गनी खुद अली अहमद जलाली को सत्ता सौंपने जा रहे हैं.

आगे क्या होने जा रहा है?

जानकारी के लिए बता दें कि तालिबान भी अफगानिस्तान में सत्ता परिवर्तन की मांग कर रहा था. उसकी तरफ से लगातार ट्रांजिशन फेज पर जोर दिया जा रहा था. गनी संग उनके रिश्ते लगातार खराब चल रहे थे और बातचीत भी बंद थी. ऐसे में इस बीच अफगानिस्तान में अंतरिम सरकार का गठन होना ही दिखाता है कि तालिबान ने देश में फिर मजबूती से अपने पैर जमा लिए हैं और आने वाले दिनों में स्थिति और खराब होने जा रही है.

राजेश सुंदरम की रिपोर्ट

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