अफगानिस्तान (Afghanistan) से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बीच तालिबान (Taliban) एक बार फिर एक्टिव हो गया है. वह अफगानिस्तान के अलग-अलग हिस्सों में कब्जा जमा रहा है, जिसके चलते हिंसक घटनाएं बढ़ गई हैं. इसी के डर से कई देशों ने अफगानिस्तान में मौजूद अपने कॉन्सुलेट बंद कर दिए हैं.
न्यूज एजेंसी AP के मुताबिक, तुर्की, रूस ने अपने वाणिज्यिक दूतावासों को बंद कर दिया है और अपने राजदूतों को वापस बुला लिया है. इसके साथ-साथ जर्मनी, ईरान ने भी वाणिज्यिक दूतावासों को बंद किया है. ये कॉन्सुलेट उत्तर अफगान क्षेत्र में मौजूद हैं. दूसरी तरफ उज्बेकिस्तान, ताजिकिस्तान, भारत और पाकिस्तान ने भी दूतावासों पर सेवाओं को कम कर दिया है.
भारतीय उच्चायोग ने कहा था - बंद नहीं किया दूतावास
बता दें कि अफगानिस्तान में भारतीय उच्चायोग ने मंगलवार को उन खबरों को ‘गलत’ बताया जिसमें कहा गया है कि हिंसा में वृद्धि को देखते हुए भारत यहां अपने मिशनों को बंद कर रहा है. कहा गया था कि काबुल में भारतीय उच्चायोग, कंधार एवं मजार में वाणिज्य दूतावास खुला है और काम कर रह है. हालांकि, एक परामर्श जारी करके देश में रह रहे और वहां काम कर रहे सभी भारतीयों को गैर जरूरी यात्राओं से बचने को कहा था.
अफगानिस्तान में आतंकवादी गुटों ने हिंसक गतिविधियां बढ़ा दी हैं तथा आम नागरिकों को निशाना बनाकर हमले की घटनाएं हो रही हैं. ऐसे में भारतीय नागरिकों को अगवा किये जाने का भी खतरा बना हुआ है.
ताजिकिस्तान ने बॉर्डर पर तैनात किए 20 हजार अधिक सैनिक
अफगानिस्तान से लगती सीमा पर मौजूद ताजिकिस्तान ने बॉर्डर पर सुरक्षा बढ़ा दी है. तालिबान द्वारा खदेड़े जाने के बाद करीब एक हजार अफगान सैनिक बॉर्डर पार करके ताजिकिस्तान भी चले गए हैं. अब सुरक्षा बढ़ाते हुए ताजिकिस्तान सरकार ने करीब 20 हजार रिजर्व सैनिकों को वहां तैनात किया है.
बता दें कि अमेरिका 11 सितंबर तक अफगानिस्तान से पूरी तरह से अपने सैनिकों को वापस बुलाना चाहता है जिससे इस युद्धग्रस्त देश में दो दशकों से जारी अमेरिकी सैन्य उपस्थिति समाप्त हो जाएगी.