अफगानिस्तान में स्थिति चिंताजनक बनी हुई है. तालिबान के कब्जे के बाद अब देश में कई दूसरे आतंकी संगठन सक्रिय हो रहे हैं. ISIS-K पहले ही काबुल एयरपोर्ट पर बड़ा हमला कर अपनी मंशा साफ कर चुका है. ऐसे में अब तमाम देश तालिबान से निपटने के लिए अलग-अलग रणनीति बना रहे हैं. अमेरिका ने जवाबी कार्रवाई भी कर दी है. ISIS-K पर बड़ा हमला किया गया है. अफगानिस्तान से जुड़ी पल-पल की अपडेट यहां पढ़ें....
तालिबान ने दावा किया है कि अमेरिकी सैनिकों ने काबुल एयरपोर्ट के तीन गेट और कुछ अन्य हिस्सों को छोड़ दिया है और अब तालिबान सुरक्षा बलों ने इन क्षेत्रों को नियंत्रित कर लिया है.
अमेरिकी सेना ने शनिवार को कहा कि उसने अफगानिस्तान में एक ड्रोन हमला किया, जिसमें इस्लामिक स्टेट के दो हाई-प्रोफाइल "योजनाकारों और सूत्रधारों" की मौत हो गई, राष्ट्रपति जो बाइडेन ने काबुल एयरपोर्ट पर डबल ब्लास्ट के लिए जवाबी कार्रवाई करने का वादा किया था, जिसमें 13 अमेरिकी सैनिक समेत 169 लोग मारे गए थे.
इस्लामिक स्टेट के अफगानिस्तान सहयोगी, जिसे इस्लामिक स्टेट खुरासान या ISIS-K कहा जाता है, ने गुरुवार को काबुल में हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हमले की जिम्मेदारी ली थी.
पाकिस्तान सरकार सीमित समय के लिए अफगानिस्तान के शरणार्थियों को अपने यहां आने देने पर राजी हो गया है. शनिवार को एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान सरकार ने ज्यादातर यात्रियों को सीमित अवधि के लिए रहने के लिए अफगानिस्तान से निकासी को स्वीकार करने का फैसला किया है. पाक में केवल राजधानी इस्लामाबाद में रहने की इजाजत होगी. जबकि कराची और लाहौर को दो अन्य परिवहन अड्डों के रूप में उपयोग करने की इजाजत मिली है.
युद्ध के दौरान नाटो बलों का समर्थन करने वाले अफगान लोगों सहित लगभग 4,000 लोगों को अमेरिका ले जाने से पहले कराची और इस्लामाबाद में रहने के लिए लाए जाने की उम्मीद है.
अहमद मसूद के समर्थकों ने तालिबान के पंजशीर में प्रवेश करने के दावे का खंडन किया है. टोलो न्यूज ने बताया कि तालिबान ने कहा कि उनकी सेना शनिवार को बिना किसी संघर्ष के कई दिशाओं से पंजशीर में प्रवेश कर गई, लेकिन अहमद मसूद के समर्थकों ने तालिबान के इस दावे का खंडन किया. तालिबान के सांस्कृतिक आयोग के एक सदस्य ने कहा कि बातचीत अभी भी खुली है और अहमद मसूद के नेतृत्व में मौलवियों का एक प्रतिनिधिमंडल आज तालिबान प्रतिनिधियों से मिलने के लिए काबुल पहुंचा.
तालिबान सांस्कृतिक आयोग के एक सदस्य एनामुल्लाह समांगानी ने कहा कि अभी तक कोई संघर्ष नहीं हुआ है, हालांकि इस्लामिक अमीरात के मुजाहिदीन ने बिना किसी प्रतिरोध का सामना किए कई तरह से आगे बढ़े. इस्लामिक अमीरात की सेना ने क्षेत्र में प्रवेश कर लिया है. हालांकि तालिबान विपक्षी मोर्चा के बोर्ड के प्रमुख ने पंजशीर में तालिबान बलों के प्रवेश से इनकार किया. तालिबान विपक्षी मोर्चा के वार्ता दल के प्रमुख मोहम्मद अलमास जाहिद ने कहा कि पंजशीर में कोई लड़ाई नहीं है और कोई भी अंदर नहीं आ सका है.
समाचार एजेंसी एपी ने बताया कि चीन और अमेरिका ने इस साल जनवरी में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के सत्ता में आने के बाद अपने पहले दौर की सैन्य-स्तरीय वार्ता के दौरान अफगानिस्तान संकट को लेकर चर्चा की. पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ऑफिस फॉर इंटरनेशनल मिलिट्री कोऑपरेशन के उप निदेशक मेजर जनरल हुआंग जुएपिंग ने पिछले हफ्ते अपने अमेरिकी समकक्ष माइकल चेज के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के साथ बैठक की.
अश्वका न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, तालिबान ने लघमान के प्रांतीय अधिकारियों, पुलिस प्रमुख, राष्ट्रीय सुरक्षा रक्षा के निदेशक और पूर्व सरकार की प्रांतीय परिषद के प्रमुख को रिहा कर दिया है. दो हफ्ते पहले लघमान प्रांत पर कब्जा किए जाने के बाद तालिबान ने उन्हें हिरासत में लिया था.
काबुल एयरपोर्ट के पास डबल ब्लास्ट के 2 दिन बाद आज शनिवार को एयरपोर्ट के एंट्री गेट के पास फायरिंग की खबर है. कई राउंड की फायरिंग के बाद लोगों में दहशत है. आंसू गैल के गोले भी छोड़े गए. फायरिंग के बाद लोग वहां से दूर भाग रहे हैं. हालांकि गाड़ियां चल रही है और लोग हॉर्न बजा रहे हैं.
एक स्थानीय अफगान समाचार एजेंसी के अनुसार, काबुल एयरपोर्ट पर हुए डबल धमाकों में मारे गए लोगों में दो पत्रकार भाई और एक डॉक्टर भी शामिल हैं. एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा है कि काबुल एयरपोर्ट पर हमला करने वाले आत्मघाती हमलावर ने छर्रे से लदे करीब 25 पाउंड विस्फोटक रखे थे. धमाके में कम से कम 169 अफगान और 13 अमेरिकी सैनिक मारे गए. जबकि बड़ी संख्या में लोग घायल भी हुए हैं.
सैकड़ों अफगान लोगों ने आज शनिवार को न्यू काबुल बैंक के बाहर अपने वेतन की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें उन्होंने कहा कि पिछले तीन से छह महीनों से उन्हें भुगतान नहीं किया गया है. समाचार एजेंसी एपी का कहना है कि अन्य नागरिकों को कैश मशीनों के बाहर लंबी-लंबी लाइनों में खड़ा होना पड़ रहा है.
उन्होंने कहा कि भले ही बैंक तीन दिन पहले फिर से खुल गए, लेकिन कोई भी कैश निकालने में सक्षम नहीं है.
ब्रिटेन के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल निक कार्टर ने कहा है कि वे आज अफगानिस्तान में रेस्क्यू खत्म कर रहे हैं. उन्होंने ये स्वीकार किया है कि कुछ लोग अभी भी वहां पर फंसे हुए हैं. लेकिन सभी का रेस्क्यू मुमकिन नहीं हो पा रहा है. उन्हें कई फैसले जमीन की स्थिति को देखते हुए भी लेने पड़ रहे हैं. वे बताते हैं कि एक भी दिन ऐसा नहीं जाता जब उनकी आंखों में आंसू नहीं आते.
ब्रिटेन ने बड़ा फैसला लेते हुए अपना रेस्क्यू ऑपरेशन आज ही समाप्त करने का फैसला ले लिया है. कहा गया है कि अफगानिस्तान में जितने भी उनके देश के नागरिक हैं, उन्हें आज के आज ही बाहर निकाल लिया जाएगा. इसके बाद सिर्फ कुछ सैनिक वहां रह जाएंगे, जिनका समय के साथ रेस्क्यू किया जाएगा.
भारत में ऑस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त Barry O'Farrell ने जानकारी दी है कि ऑस्ट्रेलिया द्वारा अफगानिस्तान में उनके दूतावास को बंद कर दिया गया. उनके मुताबिक अभी वहां पर कुछ लोग मौजूद हैं जिन्हें ऑस्ट्रेलिया वापस आना है, उनके लिए तमाम प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने ये भी कहा है कि अभी भारत काफी प्रभावी अंदाज में UNSC की अध्यक्षता कर रहा है, ऐसे में जल्द ही अफगानिस्तान को लेकर कोई स्थायी समाधान निकाला जाएगा.
Aśvaka News Agency के मुताबिक अमेरिका ने कल देर रात 12 बजे पूर्वी नंगरहार के एक घर में ड्रोन फेंका था. अमेरिकी सेना ने कहा है कि इस एयरस्ट्राइक में काबुल हमले का मास्टरमाइंड मारा गया है. इस अमेरिकी कार्रवाई की कुछ तस्वीरें भी सामने आई हैं.
काबुल ब्लास्ट के जवाब में अमेरिकी सेना ने IS आतंकियों के खिलाफ एयरस्ट्राइक की है. कहा जा रहा है कि कई आतंकियों को मार गिराया गया है. अब अमेरिका ने औपचारिक ऐलान भी कर दिया है. जारी बयान में कहा गया है कि शुरुआती इनपुट से पता चलता है कि हमने टारगेट को मार दिया है. किसी भी आम नागरिक की जान नहीं गई है.
अमेरिका की तरफ से जानकारी दी गई है कि काबुल एयरपोर्ट पर हुए हमले में अब तक कुल 169 लोगों ने अपनी जान गंवा दी है. कहा जा रहा है कि आने वाले दिनों में ये आंकड़ा और ज्यादा बढ़ सकता है क्योंकि कई लोग घायल बताए जा रहे हैं. इस समय अमेरिका काफी तेजी से अफगानिस्तान में अपने लोगों को रेस्क्यू कर रहा है. एक और आतंकी हमले का इनपुट जरूर है, लेकिन 31 अगस्त की डेडलाइन देखते हुए हर कदम सावधानी के साथ-साथ जल्दी उठाया जा रहा है.
अमरुल्लाह सालेह ने ट्वीट कर पूरी दुनिया से आतंकवाद के खिलाफ मजबूती से खड़े होने की अपील है. काबुल हमले के बाद उन्होंने जोर देकर कहा है कि अब उस एयरपोर्ट की पहचान 'मानवता के अपमान' के तौर पर नहीं होनी चाहिए. पूरी दुनिया अगर एक साथ आ जाए तो किसी भी ताकत को हराया जा सकता है. हारने वाली मानसिकता को त्यागना होगा. हमे मानसिक रूप से नहीं मरना है.
The world must not bow to terrorism. Let's not allow Kabul airport to be the site for humiliation of humanity & "rules based world order". Let's believe in our collective effort and energy. Defeatist psyche puts you under risk more than terrorists. Don't die psychologically. https://t.co/pVOeheQAKp
— Amrullah Saleh (@AmrullahSaleh2) August 27, 2021
अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना ने बड़ी कार्रवाई की है. काबुल ब्लास्ट के जवाब में अमेरिकी सेना ने IS आतंकियों के खिलाफ एयरस्ट्राइक की है. बताया जा रहा है कि मानवरहित विमान से नांगरहार में ISIS-K के ठिकाने पर अमेरिकी सेना ने हवाई हमले किए हैं. दावा है कि अमेरिकी सेना ने काबुल ब्लास्ट के साजिशकर्ता को भी ढेर कर दिया है. ये कार्रवाई तब की गई है जब जो बाइडेन ने चेतावनी देते हुए कहा था कि किसी भी आतंकी को नहीं बख्शा जाएगा और सभी को ढूंढ- ढूंढकर मारा जाएगा.
काबुल हमले के बाद अमेरिका की तरफ से अपने नागरिकों के लिए चेतावनी जारी की गई है. जोर देकर कहा गया है कि काबुल एयरपोर्ट से तुरंत बाहर निकला जाए. वहां पर अभी भी आतंकी हमले का खतरा बना हुआ है. अमेरिका की तरफ से ये आदेश उस समय जारी किया गया है जब काबुल हमले में 100 से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, वहीं अमेरिकी सेना के 13 जवान भी शहीद हुए हैं.