अफगानिस्तान की तालिबान सरकार ने रविवार को ऑस्ट्रिया के 84 वर्षीय दक्षिणपंथी कार्यकर्ता हर्बर्ट फ्रिट्ज को रिहा कर दिया, जिन्हें पिछले साल मई में गिरफ्तार किया गया था. ऑस्ट्रिया ने इसके लिए कतर को धन्यवाद दिया है.
ऑस्ट्रियाई सरकार ने एक बयान में कहा कि कतर सरकार की मध्यस्थता से फ्रिट्ज की रिहाई सुनिश्चित हुई और वो दोहा पहुंच पाए. बीते साल जब अफगानिस्तान में फ्रिट्ज की गिरफ्तारी हुई थी तो ऑस्ट्रिया के अखबार ने कहा था कि उन्होंने वहां के जीवन पर सकारात्मक रिपोर्टिंग की थी. अखबार ने कहा था कि इससे तालिबान सरकार के अप्रवासन विरोधी तर्कों को हवा मिलती है, जिसमें वो कहता है कि अफगानिस्तान एक सुरक्षित देश है, जहां शरणार्थी वापस लौट सकते हैं.
जासूसी के शक में हुई थी गिरफ्तारी
डेर स्टैंडर्ड की ओर से आरोप लगाया गया कि तालिबान ने फ्रिट्ज को जासूसी के शक में गिरफ्तार किया है. ऑस्ट्रियाई विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह मई से फ्रिट्ज की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहा था और उनकी वापसी के प्रयासों को मदद करने के लिए कतर और काबुल में यूरोपीय संघ के प्रतिनिधियों को धन्याद दिया.
डेर स्टैंडर्ड और अन्य मीडिया के अनुसार, फ्रिट्ज देश की नेशनल डेमोक्रेटिक पार्टी (एनडीपी) के संस्थापक सदस्य थे, जो 1988 में प्रतिबंधित एक अति दक्षिणपंथी समूह था.
सर्वे में दक्षिणपंथी पार्टी आगे
ऑस्ट्रिया में इसी साल के अंत में संसदीय चुनाव होने हैं, उससे पहले हुए जनमत सर्वे में धुर दक्षिणपंथी फ्रीडम पार्टी आगे चल रही है. इसी पार्टी ने फ्रिट्ज की रिहाई के लिए सरकार पर दबाव डाला था. पार्टी की ओर से कहा गया कि फ्रिट्ज अफगानिस्तान में एक किताब पर रिसर्च कर रहे थे.
कतर के विदेश मंत्रालय ने ऑस्ट्रियाई नागरिक की रिहाई में सहयोग के लिए अफगानिस्तान के तालिबान प्रशासन का नाम लिए बिना आभार व्यक्त किया. हालांकि ऑस्ट्रियाई सरकार फ्रिट्ज को एक चरम दक्षिणपंथी के रूप में एक्टिव मानती है.