अफगानिस्तान (Afghanistan) में सत्ता तालिबान (Taliban) के हाथ में आ गई है. पड़ोसी मुल्क के ज्यादातर हिस्सों पर तालिबान ने कब्जा जमा लिया है. दिल्ली (Delhi) आए अफगानिस्तान के सांसद (MP) अब्दुल कादिर जाजई ने कहा कि अफगानिस्तान सरकार और तालिबान के बीच शांति समझौता हुआ है. यह एक हैंडओवर प्रक्रिया थी. अब काबुल में हालात शांत हैं. पाकिस्तान तालिबान के करीबी समर्थकों में से एक है. मेरा परिवार अब भी काबुल में ही है.
वहीं, अफगानिस्तान के राष्ट्रपति के वरिष्ठ सलाहकार रिजवानउल्लाह अहमदजई ने दिल्ली पहुंचने के बाद कहा कि अफगानिस्तान के ज्यादातर इलाकों में शांति है. लगभग सभी राजनीतिक लोगों, मसलन मंत्रियों ने काबुल छोड़ दिया है. लगभग 200 लोग दिल्ली आ चुके हैं. मुझे लगता है कि यह नया तालिबान है और यह महिलाओं को काम करने देगा.
उधर, पक्तिया प्रांत के सांसद सैय्यद हसन पक्तियावा ने कहा कि मैं अपना देश नहीं छोड़ना चाहता. मैं यहां एक मीटिंग के लिए आया हूं. मैं वापस अफगानिस्तान चला जाऊंगा. हालात काफी खराब हैं खासकर आज की रात तो काफी खराब रही. काबुल से दिल्ली आए लोगों में शामिल एक महिला ने कहा कि, मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि दुनिया अफगानिस्तान का साथ नहीं दे रही है. हमारे दोस्त मारे जाने वाले हैं. तालिबानी उनको मार डालेंगे . हमारी महिलाओं के पास अब कोई अधिकार नहीं रहने वाला है.
बेंगलुरू के बीबीए छात्र अब्दुल्ला मसौदी ने दिल्ली लौटने पर कहा कि काबुल में लोग बैंक की ओर भाग रहे थे, हालांकि मैंने हिंसा की कोई घटना नहीं देखी लेकिन मैं कह नहीं सकता कि वहां हिंसा नहीं हुई होगी. मेरा परिवार अफगानिस्तान में है. मेरी फ्लाइट पहले से तय थी. कई लोगों ने काबुल छोड़ दिया है.
बता दें कि तालिबान जलालाबाद पर अपना कब्जा जमा लिया है. इसे तालिबान की सबसे बड़ी कार्रवाई बताया गया. इस वजह से अफगानिस्तान की राजधानी काबुल देश के पूर्वी हिस्से से कट गई. अफगानिस्तान के काबुल में नाइट कर्फ्यू का ऐलान कर दिया गया है. तालिबान के बढ़ते खतरे को देखते हुए अब रात 9 बजे के बाद लोगों को घर से ना निकलने की अपील की गई है.