अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता के बाद भारत लगातार हालात पर नजर बनाए हुए है. पीएम मोदी ने मंगलवार को अफगानिस्तान के हालात पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात की. दोनों नेताओं के बीच करीब 45 मिनट की बातचीत हुई. इस दौरान दोनों देशों में सहयोग को लेकर भी चर्चा हुई. इससे पहले सोमवार को पीएम मोदी ने जर्मनी की चांसलर एंजेला मार्केल से भी अफगानिस्तान के हालात पर चर्चा की थी.
अफगानिस्तान से भारतीयों और अन्य लोगों को सुरक्षित निकालने के मिशन को भारत ने ऑपरेशन देवीशक्ति नाम दिया है. विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है. इस बीच केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि काबुल से जिन 626 लोगों का रेस्क्यू किया गया है, उनमें से 228 भारतीय नागरिक हैं.
अफगानिस्तान से विदेशी सैनिकों की वापसी के बीच तालिबान ने फिर से कहा है कि अमेरिकी सैनिक 31 अगस्त तक देश छोड़ दें. इससे पहले तालिबान ने धमकी भरे अंदाज में कहा था कि अगर अमेरिका-ब्रिटेन के सैनिक 31 अगस्त तक अफगानिस्तान खाली नहीं करते तो अंजाम बुरा होगा. इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन कहा कि वो हम अफगान में फंसे सभी अमेरिकियों को निकालेंगे.
अमरुल्ला सालेह ने तालिबान को फिर दी चुनौती
अफगानिस्तान के कार्यकारी राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने तालिबान को चुनौती देने की बात दोहराई है. अमरुल्ला सालेह ने कहा कि तालिबान जो दावा कर रहा है कि उसने पंजशीर के कुछ हिस्से को अपने कब्जे में ले लिया है, वो बिल्कुल गलत है. पंजशीर पूरी तरह कंट्रोल में हैं, पंजशीर के लोगों का जोश पूरी तरह से बना हुआ है और वो तालिबानियों से टक्कर लेने को तैयार हैं. उधर तालिबानी प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा कि तालिबान पंजशीर की समस्या का शांतिपूर्ण समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध है. हालांकि इस बीच दोनों पक्षों के बीच बातचीत की भी खबर है.
अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद तालिबान ने नई सरकार बनाने की कवायद तेज कर दी है. तालिबान की लीडरशिप काउंसिल की अहम बैठक हुई, जिसमें कुछ मंत्रियों के नाम पर मुहर लगाई गई. रिपोर्ट के मुताबिक सदर इब्राहिम को अफगानिस्तान का कार्यवाहक गृहमंत्री बनाया गया है. अफगानिस्तान में नई सरकार में वित्त मंत्री का जिम्मा गुल आगा को दिया गया है. अफगानिस्तान की राजधानी काबुल का गवर्नर मुल्ला शिरीन को नियुक्त किया गया है. अभी तालिबान की कमान मौलवी हिब्तुल्लाह के हाथों में लेकिन सरकार के चीफ की रेस में मुल्ला बरादर का नाम सबसे आगे है.
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अफगानिस्तान में तालिबानी शासन पर आर्थिक प्रतिबंधों की चर्चा के बीच चीन ने फिर तालिबान का बचाव किया है. चीन ने प्रतिबंध लगाने की खबरों के बीच कहा है कि अमेरिका और उसके सहयोगियों को अतीत से सबक लेना चाहिए. चीन ने सबको समझदारी से काम लेने की हिदायत भी दी है. चीन की ओर से ये बयान जी 7 देशों की बैठक से पहले आया.
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख ने कहा है कि उन्हें अफगानिस्तान में तालिबान के नियंत्रण वाले इलाकों में दुर्व्यवहार की विश्वसनीय रिपोर्ट मिली है. तालिबानी अपने ही नागरिकों और अन्य सुरक्षाबलों को डरा रहे हैं. कई लोगों का कत्ल भी किया गया है. वहीं महिलाओं पर तमाम पाबंदियां लागू की गई हैं. मिशेल बाचेलेट ने मानवाधिकार परिषद से अफगानिस्तान में पर नजर रखने की अपील की है. संयुक्त राष्ट्र को डर है कि एक बार फिर से अफगानिस्तान उसी क्रूरता के दौर में लौटेगा, जैसा पहले तालिबानी शासन के दौरान था.