आतंकवाद के पनाहगाह पाकिस्तान को एक बार फिर से उस समय शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा, जब अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खकान अब्बासी से टेलीफोन पर बातचीत करने से इनकार कर दिया. दिलचस्प बात यह है कि इस दौरान अशरफ गनी ने पीएम मोदी से फोन पर बातचीत की. अफगानिस्तान के राष्ट्रपति ने ट्वीट कर खुद इसकी जानकारी दी.
टोलो न्यूज के मुताबिक अब्बासी ने गनी को काबुल में हुए आतंकी हमले के संबंध में अपनी संवेदना जताने के लिए फोन किया था, लेकिन गनी ने बात करने से इनकार कर दिया. इससे पहले अशरफ गनी ने काबुल में हुए हालिया हमलों से जुड़े सबूत को पाकिस्तानी सेना के साथ साझा करने के लिए अपना एक प्रतिनिधिमंडल इस्लामाबाद भेजा था. पाकिस्तान लंबे समय से अफगानिस्तान पर हमलों करने वाले आतंकी संगठनों को समर्थन देता आ रहा है.PM Modi called me to offer condolences on the recent senseless killings of civilians across #AFG by the enemies of humanity. We discussed the need for an end to terrorist sanctuaries in our neighborhood. India has always been a good friend of Afghans, sharing our pain and grief.
— Ashraf Ghani (@ashrafghani) January 31, 2018
मालूम हो कि पिछले साल अगस्त में अपनी नई दक्षिण एशिया नीति में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पाकिस्तान के नाकाम रहने की स्थिति में उसके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाने का आह्वान किया था. ट्रंप ने इस साल अपने प्रथम ट्वीट में पाकिस्तान पर आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में दोहरे मानदंड का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया था.
अफगानिस्तान के गृहमंत्री वी. अहमद बरमाक और खुफिया एजेंसी नेशनल डायरेक्टरेट ऑफ सेक्युरिटी के प्रमुख मासूम स्तानकजई की सदस्यता वाला एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल सीमा के आर-पार होने वाले आतंकवाद से निपटने में संभावित सहयोग पर चर्चा करने के लिए इस्लामाबाद पहुंचे हैं. हालांकि दोनों देश एक दूसरे पर एक-दूसरे की सरजमीं का आतंकवादी गतिवधियों के लिए इस्तेमाल किए जाने का हमेशा से ही आरोप लगाते रहते हैं.
हाल ही में काबुल में हुए सिलसिलेवार हमलों के बाद अफगानिस्तान प्रतिनिधिमंडल की यह यात्रा हो रही है. इन हमलों में करीब 100 लोग मारे गए थे. इसकी जिम्मेदारी आतंकी संगठन तालिबान और आईएस ने ली थी. इसके अलावा हाल ही में काबुल स्थित इंटर-कॉन्टिनेंटल होटल पर हुए तालिबानी हमले को लेकर अमेरिका ने पाकिस्तान को कड़ी फटकार लगाई थी. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान से कहा था कि वह तालिबान के आतंकियों को फौरन अपने यहां से निष्कासित करे.