अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप फेरडल ब्यूरो ऑफ इनवेस्टिगेशन (FBI) चीफ जेम्स कोमी को हटाकर बुरी तरह फंस गए हैं. अब उनके खिलाफ कांग्रेस में महाभियोग का प्रस्ताव लाया जा सकता है. हालांकि दोनों सदनों में रिपब्लिकन का वर्चस्व है. अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रूसी दखल की जांच कर रहे जेम्स कोमी को हटाए जाने के बाद से अमेरिका समेत दुनिया भर में विवाद छिड़ गया है. इस मसले को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप अपने देश में ही विरोध का सामना करना पड़ रहा है. दरअसल, 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रूस ने हैकिंग की थी और ट्रंप को चुनाव जिता दिया था.
पूर्व FBI चीफ कोमी के करीबी सूत्रों का कहना है कि रूस मसले को लेकर ट्रंप बुरी तरह फंसते नजर आ रहे थे, जिसके चलते उन्होंने इस कदम को उठाया है. कोमी ने मामले की जांच तेज कर दी थी और ट्रंप को विश्वास में नहीं लिया था. इससे ट्रंप ने खुद के लिए खतरा मानते हुए यह कदम उठाया. रूस विदेश मंत्री सेर्गेई लावरोव के अमेरिकी दौरे से महज एक दिन पहले ही ट्रंप ने यह घातक कदम उठाया है. इस घटनाक्रम के बाद अमेरिकी राजनीति में भूचाल आ गया है.
वहीं, ई-मेल विवाद में घिरी हिलेरी क्लिंटन मामले में चुप्पी साध रखी थी. हाल ही में एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि कोमी के चलते उनको चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था. ऐसे में वह किसी तरह का बयान देने से कतरा रही हैं. इसके अलावा उन्होंने डेमोक्रेटिन पार्टी ने दबी जुबान में ट्रंप का विरोध किया है.
अमेरिकी राष्ट्रपति ने दी सफाई
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कोमी को हटाए जाने को लेकर सफाई दी है. उन्होंने कहा कि वह अपने काम को ठीक से कर नहीं रहे थे, जिसके चलते उनको हटाया गया है, लेकिन उनकी यह बात किसी के गले नहीं उतर रही है.
ऐसे में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के खिलाफ कांग्रेस में महाभियोग का प्रस्ताव लाया जा सकता है. हालांकि कांग्रेस में ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी का बहुमत है, जिसके चलते उनके सत्ता से बाहर होने की उम्मीद कम ही है. ट्रंप पूर्व
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की ओर से नियुक्त दो और न्यायिक अधिकारियों को भी हटा चुके हैं.
1973 में अमेरिकी राष्ट्रपति को किया गया था बर्खास्त
1973 में तत्कालीन राष्ट्रपति रिचार्ड निक्सन ने पानी घोटाले यानी वाटरगेट की निष्पक्ष जांच कर रहे आर्किबाल्ड कोक्स को हटा दिया था, जिसके बाद उनके खिलाफ कांग्रेस में महाभियोग का प्रस्ताव लाया गया था. इसके चलते
उनको अपने पद से इस्तीफा देने पड़ा था. ट्रंप की तरह निक्सन वोटरगेट में बुरी तरह फंस गए थे. अभी ट्रंप को पद संभाले एक साल भी नहीं हुआ है और वह कई विवादों में घिर चुके हैं. माना जा रहा है कि यह ट्रंप का अब
तक का सबसे घातक कदम है. अमेरिकी लोगों का कहना है कि ट्रंप ने कोमी को हटाकर पद का दुरुपयोग किया है. वह खुद को कानून से ऊपर समझने लगे हैं. इसके अलावा ट्रंप की लोकप्रियता में भी काफी गिरावट आई है.
FBI चीफ के सवाल पर भड़के पुतिन
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से जब FBI चीफ को लेकर सवाल किया, तो वह भड़क गए. उन्होंने सीबीएसएन के रिपोर्टर से कहा कि वह उनको गुस्सा न दिलाएं. इस मामले में रूस का कोई दखल नहीं है. वहीं, रूसी
विदेश मंत्री के अमेरिका पहुंचने से महज एक दिन पहले FBI प्रमुख कोमी को हटाए जाने को लेकर सवाल उठ रहे हैं.
Putin reacts to Comey firing: "We have nothing to do with that" https://t.co/bq0sLcCAzY
— Kandy Zabka (@Kkzahu) May 10, 2017
सीनेट ने पूर्व अमेरिकी NSA को किया तलब
FBI चीफ जेम्स कोमी को हटाए जाने के बाद बुधवार को सीनेट की इंटेलीजेंस कमेटी ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) माइकल फ्लिन को तलब किया है. उनसे रूसी संबंध से जुड़े दस्तावेज दाखिल
करने को कहा गया था. इससे पहले कोमी ने सीनेट की इस कमेटी को मामले को लेकर अलर्ट किया था. FBI ने सीनेट की कमेट से कहा कि फ्लिन रूस से अपने संबंध को लेकर दस्तावेज दाखिल नहीं करेंगे. इससे
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप को बचाया जा सकेगा. हाल ही में ट्रंप ने विवाद बढ़ने पर फ्लिन को पद से हटा दिया था.