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मिसाइल अटैक के बाद अब इजरायल के निशाने पर ईरान के ये 5 इलाके, बड़े युद्ध के मुहाने पर पहुंचा मिडिल ईस्ट

मंगलवार रात से सबको लग रहा है कि लड़ाई सिर्फ इजरायल औऱ ईरान के बीच हो रही है. लेकिन ऐसा नहीं है. इजरायल, ईरान, लेबनान, इराक, यमन, सीरिया, गाजा, वेस्ट बैंक और जॉर्डन तक इस वक्त युद्ध की आग, मिसाइल, गोला बारी रूप में फैली है. जहां इजरायल को ईरान, हमास, हूती समेत ईरान समर्थक दूसरे गुटों से एक साथ लड़ना पड़ रहा है. ईरान ने जब मंगलवार रात 180 मिसाइल एक साथ इजरायल पर दागीं तो साफ हो गया कि जवाब इजरायल भी देगा. लेकिन कब कहां और कैसे, इसी पर दुनिया की नजर लगी हुई है.

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इजरायल और ईरान के बीच सीधा युद्ध जारी है
इजरायल और ईरान के बीच सीधा युद्ध जारी है

ईरान ने इजरायल पर हमला करके पूरे मिडिल ईस्ट को बड़े युद्ध के मुहाने पर लाकर खड़ा कर दिया है. इस बीच इजरायल के आर्मी चीफ ने कहा है कि उनका देश मिडिल ईस्ट में कहीं भी हमला कर सकता है. ये बयान इसलिए अभी बहुत अहम है क्योंकि मंगलवार रात ईरान के अटैक के बाद से अब तक इजरायल ने ईरान को सीधा जवाब नहीं दिया है. लेकिन इसके बाद एक बड़े युद्ध की आशंका बढ़ गई है. इटली पीएम मेलोनी द्वारा जी7 की आपात बैठक बुलाई गई. जी7 देशों ने ईरान द्वारा इजरायल पर किए हमले की निंदा की.

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इसके बाद व्हाइट हाउस ने बयान जारी किया और कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बुधवार को जी7 नेताओं के साथ बातचीत की, जिसमें इजरायल पर ईरान के हमले के जवाब में नए प्रतिबंधों सहित समन्वय स्थापित करना शामिल है. बाइडेन ने कहा कि वह ईरानी परमाणु स्थलों पर हमले का समर्थन नहीं करेंगे, क्योंकि इजरायल ने बैलिस्टिक मिसाइल हमले का जवाब देने का वादा किया है. साथ ही ईरान पर और पाबंदियां लगाने की बात भी कही.

दरअसल, मंगलवार रात से सबको लग रहा है कि लड़ाई सिर्फ इजरायल औऱ ईरान के बीच हो रही है. लेकिन ऐसा नहीं है. इजरायल, ईरान, लेबनान, इराक, यमन, सीरिया, गाजा, वेस्ट बैंक और जॉर्डन तक इस वक्त युद्ध की आग, मिसाइल, गोला बारी रूप में फैली है. जहां इजरायल को ईरान, हमास, हूती समेत ईरान समर्थक दूसरे गुटों से एक साथ लड़ना पड़ रहा है. ईरान ने जब मंगलवार रात 180 मिसाइल एक साथ इजरायल पर दागीं तो साफ हो गया कि जवाब इजरायल भी देगा. लेकिन कब कहां और कैसे, इसी पर दुनिया की नजर लगी हुई है. 

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यह भी पढ़ें: ईरान पर नए प्रतिबंध लगाने की तैयारी में G7 देश, बदले की आग में जल रहे इजरायल को भी US का बड़ा संदेश

वहीं लेबनान में जमीनी लड़ाई आतंकी संगठन हिज्बुल्लाह और इजरायल के बीच चल रही है. जहां इजरायल ने हिज्बुल्लाह के शीर्ष नेतृत्व को तबाह कर दिया है. यमन में हूती विद्रोहियों के हमले का इजरायल ने दो दिन पहले ही जवाब दिया था. दरअसल, ईरान के पैसे पर पलने वाले हूती के आतंकी हमास से इजरायल की लड़ाई हो या हिजबुल्लाह, हर बार बीच में इजरायल पर अटैक करने लगता है. इस बार यमन में हूती के आतंकियों को इसीलिए इजरायल एक साथ मार रहा है.  

अब ईरान को चुकानी पड़ेगी कीमत?

इराक में भी शिया आतंकी गुट पर भी हवाई हमला इजरायल ने किया है. जो ईरान के समर्थक हैं. सीरिया में भी ईरान समर्थक गुटों को निशाना बनाया. इसके अलावा उसने गाजा में हमास के खिलाफ बमबारी जारी रखी है. और वेस्ट बैंक में फिलिस्तीन के समर्थन में बंदूक उठाकर इजरायल पर हमला करने वालों को नेतन्याहू की आर्मी जवाब दे रही है. इन सबके बीच जॉर्डन परेशान है. क्योंकि जब ईरान ने मिसाइल्स दागीं तो कुछ मिसाइल जॉर्डन में गिरी हैं. तो सात जगहों तक फैली वॉर फायर के बीच बेंजामिन नेतन्याहू के बयान पर सबकी निगाह है. इस सवाल के साथ कि आखिर अब ईरान को क्या कीमत चुकानी पड़ेगी?

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तनातनी बढ़ रही है क्योंकि ईरान भी मिसाइल हमला करने के बाद चुप नहीं है. ईरान में सेना के कमांडर ने धमकी दी है. कहा है कि अगर अबकी बार इजरायल ने कुछ भी किया तो बड़े पैमाने पर इजरायल में तबाही ईरान मचाएगा. ईरान में ईरान आर्म्ड फोर्सेज के चीफ जनरल मोहम्मद बाघेरी ने कहा है कि अगर इस बार इजरायल ने उनके इलाके में कोई भी जवाबी कार्रवाई की तो ईरान की सेना अपने मिसाइल हमले को कई गुना तीव्रता के साथ दोहराएगी. 

इजरायल पर दागी गईं ईरान की मिसाइलें कैसे हुईं फेल?

ईरान अगर फिर हमला करता है तो क्या होगा जबकि नसरल्लाह के मारे जाने के बाद शोक मनाते ईरान ने इजरायल में मातम की चीख सुननी चाही. लेकिन उसकी 181 मिसाइल में से दावा है कि 90 फीसदी फेल हो गईं. आखिर क्यों?

इसकी वजह इजरायल के 3-3 सुरक्षा चक्र, जो कि मिसाइल डिफेंस सिस्टम हैं. जिन्होंने एक बार फिर अपना लोहा साबित कर दिया है. पहला मिसाइल डिफेंस सिस्टम आयरन डोम है. जो 152 किलो मीटर के दायरे में और 12 किलो मीटर ऊंचाई के अंदर आने वाले रॉकेट को मार गिरा देता है. दूसरा मिसाइल डिफेंस सिस्टम डेविड्स स्लिंग है, जिसकी रेंज 301 किलो मीटर है. जो 49 किलो मीटर की ऊंचाई के अंदर आने वाले खतरे को तबाह करने की क्षमता रखता है. तीसरा मिसाइल डिफेंस सिस्टम द एरो सिस्टम है. जो पृथ्वी के वायुमंडल के बाहर ही मिसाइल को ध्वस्त कर देता है. इस तरह इजरायल के तीन-तीन सुरक्षा चक्र ने उसे एक बार फिर बचा लिया.

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ईरान के इन ठिकानों पर हमला कर सकता है इजरायल

अब अगर इजरायल ने ईरान पर हमला किया तो वो कहां कहां करेगा? जानकारों का कहना है कि इजरायल के निशाने पर ईरान के परमाणु ठिकाने, यूरेनियम खदान, सैन्य ठिकाने, रिसर्च रियेक्टर और अघोषित ठिकाने होंगे. और ईरान के 5 परमाणु ठिकाने बताए जाते हैं जो अराक इफ्तहान बशहर फॉरदो नातंज में हैं. इसके अलावा तेहरान में रिसर्च रियेक्टर है. सघन-यज्द में यूरेनियम खदानें भी इजरायल के निशाने पर होंगी. परचिन के ईरानी सैन्य ठिकाने पर भी इजरायल हमला कर सकता है.

लेकिन कई जानकारों को लगता है कि ईरान को मुश्किल में डालने के लिए इजरायल उसकी ऐसी नस दबा सकता है जिससे ईरान तिलमिला जाएगा. ईरान की इस नस का नाम खार्ग द्वीप है. जहां पर उसके तेल डिपो हैं. सबसे बड़ी बात ये है कि यहां से उसका 95 फीसदी तेल बाहर सप्लाई होता है. खार्ग द्वीप ईरान के तट से 25 किलो मीटर दूर है. यहां से ईरान से निर्यात होने वाला 95 फीसदी तेल दुनिया में जाता है. ये रणनीतिक रूप से भी ईरान के लिए अहम है. इसीलिए ईरान से जो भी लड़ता है वो यहीं हमला करता है. 1980 के दशक में जब इराक और ईरान का युद्ध हुआ था तब इराक ने यहीं पर बमबारी की थी. तो क्या इजरायल भी ईरान के मुख्य तेल निर्यात टर्मिनल पर हमला करेगा. बड़ी बात ये है कि अप्रैल महीने में हूती विद्रोहियों के खिलाफ इजरायल ऐसा ही हमला उसके तेल डिपो पर किया था.

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मिडिल ईस्ट में चारों तरफ अमेरिकी सेना 

अमेरिका ने ईरान के हमले से पहले और बाद में जिस तरह से इजरायल का साथ दिया है, वो चौंकाता नहीं है. सब जानते हैं कि इजरायल के आत्मविश्वास की असली वजह अमेरिका का हाथ है. मिडिल ईस्ट में अमेरिका चारों तरफ है. इसलिए ईरान पर पलटवार करना हो या फिर उस पर हमला करना हो. अमेरिका की मौजूदगी युद्ध की रुख बदलने के लिए काफी है. अमरेकिा के तुर्किए में 1465 सैनिक तैनात हैं. सीरिया में 800. इराक में 2500. कुवैत में 13500. जॉडर्न में 3000. सऊदी अरब में 2700. UAE में 3500. कतर में 10 हजार सैनिक तैनात हैं.

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इसके अलावा पूर्वी भूमध्य सागर में 3 गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर, 1 एंफीबियस असॉल्ट शिप अमेरिका तैनात कर चुका है. लाल सागर में अमेरिका की नौसेना पहले से तैनात है. ईरान के खतरे को देखते हुए यहां पर 4 अतिरिक्त गाइडेड मिसाइल डिस्ट्रॉयर तैनात हैं. ओमान की खाड़ी में एयरक्राफ्ट कैरियर स्ट्राइक ग्रुप है. इसके अलावा अमेरिकी THAAD डिफेंस सिस्टम भी इजरायल को कवर देता है. जो इजरायल को अतिरिक्त सुरक्षा देता है. अमेरिका का ये डिफेंस सिस्टम दुनिया के सबसे खतरनाक डिफेंस सिस्टम में से एक है. जो दुश्मन की मिसाइलों को ढेर कर देता है.

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थाड मिसाइल सिस्टम यानी टर्मिनल हाइ एल्टीट्यूड एरिया डिफेंस. यह प्रणाली मध्यम रेंज की बैलेस्टिक मिसाइलों को उड़ान के शुरुआती दौर में ही गिराने में सक्षम है. इसकी टेक्नोलॉजी हिट टू किल है यानी सामने से आ रहे हथियार को रोकती नहीं बल्कि नष्ट कर देती है. यह 200 किलोमीटर दूर तक और 150 किलोमीटर की ऊंचाई तक मार करने में सक्षम है.

सोशल मीडिया पर भी लड़ी जा रही लड़ाई!

ईरान की तरफ से हुए हमले के बाद एक लड़ाई सोशल मीडिया पर भी लड़ी जा रही है. एक अक्टूबर की रात से ईरान के हमले के बाद सोशल मीडिया पर असली और फर्जी वीडियोज की बाढ़ आई हुई है. ऐसा ही एक वीडियो वायरल है, जिसमें इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू भागते हुए दिखते हैं. इस वायरल वीडियो के साथ कई लोगों ने दावा कर दिया कि ईरान के मिसाइल हमले के बाद नेतन्याहू किसी गुप्त बंकर की तरफ भागे. जबकि ये दावा झूठा है. वीडियो 2021 का है और इसे खुद नेतन्हायू ने ही सोशल मीडिया पर शेयर किया था. तब नेतन्याहू वोटिंग सेंटर तक दौड़ते हुए गए थे.

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