सीरिया में करीब पांच साल से जारी युद्ध के बीच पहली बार विश्व शक्तियों को आखिरकार इंसानियत की याद आ ही गई. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में शनिवार (भारतीय समयानुसार) को आम सहमति से शांति बहाली का प्रस्ताव पारित किया गया. हालांकि यह साफ कर दिया गया है कि आईएसआईएस पर जारी हवाई हमले भी नहीं रुकेंगे. उसका खात्मा तो करना ही है.
अब शुरू होगी संघर्ष विराम की बातचीत
यह प्रस्ताव पारित करने के बाद अब जनवरी से ही सीरियाई सरकार और विद्रोही गुटों के बीच शांति बहाली के लिए संघर्ष विराम की बातचीत शुरू होगी. लेकिन इससे पहले दोनों गुटों को इस बातचीत के लिए राजी करना भी एक चुनौती है. इस सबके बीच, असद सरकार और यूएन को इसका ध्यान रखना होगा कि आईएसआईएस अपनी जड़ें मजबूत न कर सके. इसीलिए अमेरिका, रूस और फ्रांस के हवाई हमले जारी रखने पर सहमति बनी है.
अब और खून-खराबा न होः मून
न्यूयॉर्क के यूएन मुख्यालय में हुई इस अहम बैठक में स्पेन, ब्रिटेन, अमेरिका, रशियन फेडरेशन सहित 15 काउंसिल मेंबर शामिल हुए. बैठक में संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून भी मौजूद थे. बैठक में इस प्रस्ताव के विरोध में एक भी वोट नहीं पड़ा. बैठक युद्धग्रस्त सीरिया में खून-खराबा और पलायन रोकने के लिए हुई थी. सुरक्षा परिषद ने माना कि अब यहां इंसानियत का कत्ल नहीं होना चाहिए. यह खून खराबा रुकना चाहिए.
ओबामा बोले- इस्तीफा दे दें असद
इस सबके बीच, अमेरिका राष्ट्रपति बराक ओबामा ने सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद से इस्तीफा देने की अपील की है. उन्होंने कहा कि मेरा और विशेषज्ञों का यह मानना है कि जब तक असद अपने पद पर बने हुए हैं, वहां स्थायित्व कायम नहीं किया जा सकता. इसके लिए जरूरी है कि वहां ऐसी सरकार बने जो उन इलाकों में भी सुशासन ला सके, जहां अभी अशांति है. यह काम असद के पद छोड़े बिना मुमकिन नहीं है.
दुर्लभ है यूएन का यह फैसला
अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी कहा कि यह प्रस्ताव सभी संबंधित पक्षों को एक संदेश है. यह सीरिया में हो रही मौतों को रोकने का सही वक्त है. सरकार को अब जमीन पर अपना काम करना चाहिए, इसके लिए भी यह सही वक्त है.' अमेरिकी मीडिया की रिपोर्ट्स में संयुक्त राष्ट्र के इस फैसले को दुर्लभ बताया जा रहा है.
अब तक ढाई लाख मौतें, 6 करोड़ ने छोड़ा घर
सीरिया में जारी युद्ध में अब तक ढाई लाख से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं. संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक छह करोड़ लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा. एक तरफ सीरिया सरकार और विद्रोही गुट आपस में लड़ रहे हैं तो दूसरी तरफ आईएसआईएस सीरिया के काफी बड़े हिस्से पर कब्जा करने के लिए तबाही मचा रहा है.