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नेपाल में फिर कांपी धरती, भूकंप के बाद आया आफ्टरशॉक

नेपाल में भूकंप के अगले दिन आफ्टरशॉक के झटके महसूस किए गए. रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.2 दर्ज की गई. इस बीच नेपाल में भूकंप के बाद बर्बादी की तस्वीरें भी सामने आने लगी हैं. यहां करीब 1800 घर तबाह हो गए हैं और लोग खुले में रहने को मजबूर हैं.

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नेपाल में भूकंप के बाद तबाही की तस्वीर.
नेपाल में भूकंप के बाद तबाही की तस्वीर.

नेपाल में आठ साल बाद आए सबसे भीषण भूकंप के एक दिन बाद शनिवार को फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए. हालांकि, इसकी तीव्रता 4.2 रही. भूकंप का यह झटका जाजरकोट जिले में शनिवार दोपहर 3.40 बजे दर्ज किया गया. बता दें कि एक दिन पहले देर रात आए भूकंप ने नेपाल में 157 लोगों की जान ले ली थी.

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राष्ट्रीय भूकंप निगरानी केंद्र के शनिवार को आए भूकंप का केंद्र रामिदंडा था. यह झटका शुक्रवार रात आए भूकंप का आफ्टरशॉक था. इससे पहले नेपाल में शुक्रवार को काठमांडू से लगभग 500 किमी पश्चिम में जाजरकोट जिले में 6.4 तीव्रता का भूकंप आया था. इसे रात 11:47 बजे रिकॉर्ड किया गया था.

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2015 में भी आया था विनाशकारी भूकंप

शुक्रवार को आया भूकंप नेपाल में 2015 के भूकंप के बाद सबसे विनाशकारी है. बता दें कि 2015 में आए भूकंप में करीब 9 हजार लोगों की मौत हुई थी. इस भूकंप में 22 हजार से ज्यादा लोग घायल हुए थे.

1800 घर पूरी तरह से बर्बाद

नेपाल के गृह मंत्रालय की तरफ से बताया गया है कि जाजरकोट में आए भूकंप में 1,800 घर पूरी तरह से बर्बाद हो गए हैं, जबकि रुकुम पश्चिम में 2,500 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं. जाजरकोट और रुकुम में अब तक 157 लोग मारे गए हैं और करीब 200 लोग घायल हुए हैं.

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कंबल और टेंट की जरूरत

जाजरकोट जिले के भेरी नगर पालिका के मेयर चंद्र प्रकाश खत्री ने बताया कि भूकंप प्रभावित इलाकों में बचे लोगों को जल्द से जल्द टेंट, कंबल और खाने-पीने के सामान की जरूरत है. लोग बिना किसी आश्रय के खुले स्थानों और खेतों में रह रहे हैं. उन्होंने कहा कि लोग पेड़ों और झाड़ियों के नीचे रह रहे हैं और उन्हें तुरंत कंबल और तंबू की जरूरत है. उन्होंने कहा कि हमें तुरंत करीब 3 हजार टेंटों की जरूरत है. 

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