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प्रसव कराने पर मुकदमा, डॉक्टरी पढ़ने पर मृत्युदंड! कहानी लेबर रूम की पहली दाई अग्नोडाइस की...

इस स्त्री ने जो किया वो मेडिकल हिस्ट्री का टर्निंग प्वाइंट बन गया. पारंपारिक यूनानी पुरुषों के परिधान पहने इस महिला ने अपने कपड़े (Anasyrma) उठाए और पीड़ा से कराह रही महिला को अपना शरीर दिखाया और आश्वस्त कराया कि वो पुरुष नहीं बल्कि स्त्री है. बिस्तर पर कराह रही महिला अब सन्न थी. महिला दिवस 2025 पर आज कहानी उस जमाने की जब स्त्रियों के लिए डॉक्टरी पढ़ना अपराध था. अग्नोडाइस (Agnodice) को तो इसके लिए मौत की सजा सुनाई गई थी.

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अग्नोडाइस को डॉक्टरी पढ़ने पर मौत की सजा सुनाई गई. (फोटो- आजतक)
अग्नोडाइस को डॉक्टरी पढ़ने पर मौत की सजा सुनाई गई. (फोटो- आजतक)

प्राचीन यूनान की बात है. आज से लगभग 2400 साल पहले की कहानी. यूनान यानी कि सिकंदर महान का देश. लेकिन ये कहानी सिकंदर से भी पहले की है. यूनान की राजधानी एथेंस की गलियों में पुरुष परिधान में एक महिला टहल रही थी. उसके बाल कटे थे. शरीर सपाट. टहलते-टहलते इस महिला ने एक घर से एक स्त्री की कराहने और रोने की आवाज सुनी. 

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महिला बेतरह पीड़ा में थी. यहां टहल रही इस महिला ने पता किया तो जानकारी मिली कि कराह रही स्त्री प्रसव पीड़ा से गुजर रही है. महिला का लेबर पेन तीव्रतम हो चुका था. लेकिन तब के उस यूनान जिसे अब ग्रीस भी कहते हैं, प्रसव की वेदना से गुजर रही नारियों को मदद करने के लिए कोई व्यवस्था नहीं थी. 

दरअसल यूनान उस समय मेडिसिन की पढ़ाई और प्रैक्टिस औपचारिक तो थी नहीं. इसलिए महिलाएं भी प्रसव के दौरान एक दूसरे की मदद करती थीं. ये अनुभव पर आधारित काम था. इसलिए इसमें काफी गलतियां होती थीं. तब यूनान में बच्चों को जन्म देते समय कई महिलाएं मौत का शिकार हो जाती थीं.

लेबर रूम में महिला की कराह

ऐसी ही स्थिति में पुरुषों के परिधान को पहनी इस महिला ने लेबर पेन से गुजर रही एक स्त्री की पुकार सुनी. उसने आव देखा न ताव, घुस गई उस घर में जहां वो महिला कराह रही थी. लेबर रुम में पुरुष लिबास में एक व्यक्ति की मौजूदगी हैरान करने वाला वाकया था. उस कमरे में मौजूद स्त्रियां चौक गईं. खुद प्रसव पीड़ा से गुजर रही महिला भौचक्क. 

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मौके की नजाकत को देखकर कमरे में घुसी महिला स्थिति संभालने में जुट गईं. उसने कहा कि वो पुरुष नहीं बल्कि महिला है और उसने मेडिसिन की पढ़ाई की है और वो कराह रही महिला के बच्चे को जन्म दिलाने आई है. लेकिन ऐसी नाजुक स्थिति में महिला के दावे को मानता कौन? उसके मर्दों वाले कपड़े तो अलग ही कहानी कह रहे थे. 

'मर्द' डॉक्टर से कैसे कराए इलाज

महिला कराह रही थी उसकी हालत बिगड़ती जा रही थी वो एक 'मर्द' से अपना प्रसव कराना नहीं चाहती थी. यूनानी संस्कृति उसे इस बात की अनुमति नहीं देती थी कि वो एक 'पर पुरुष' को अपने शरीर को छूने की इजाजत दे. हालांकि प्रसव की वेदना उसकी जान लेने पर उतारु था.

एक गर्भवती महिला पर्दे से ढके सोफे पर लेटी हुई है, तीन महिलाएं उसका प्रसव करा रही हैं. यह पट्टिका इटली के ओस्टिया में खुदाई के दौरान मिली है.

याद रखें ये यूनान का वो दौर था जब महिलाएं काफी बंदिशों में जीती थी. वो डॉक्टरी की पढ़ाई पढ़ नहीं सकती थी. कुलीन स्त्रियां अन्य पुरुषों से संवाद-संपर्क नहीं रख सकती थीं. इस मौके पर वो स्त्री गजब विडंबना में थीं. उसके सामने एक जिंदगी का सवाल था. 

कपड़े उठाकर दी स्त्री होने की गवाही

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ऐन मौके पर गली से कमरे में आई इस स्त्री ने जो किया वो मेडिकल हिस्ट्री की दुनिया का टर्निंग प्वाइंट बन गया. पारंपारिक यूनानी पुरुषों के कपड़े पहने इस स्त्री ने अपने कपड़े (Anasyrma) उठाए और पीड़ा से कराह रही महिला को दिखाया और आश्वस्त कराया कि वो पुरुष नहीं बल्कि स्त्री है. बिस्तर पर कराह रही स्त्री अब सन्न थी. उसे इत्मीनान हुआ. उसने महिला को प्रसव कराने की इजाजत दे दी. 

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महिला का प्रसव कराने के लिए अपने कपड़े उठाकर स्वयं के स्त्री होने की गवाही देने वाली इस महिला का नाम था अग्नोडाइस (Agnodice). दुनिया इस महिला को आधुनिक विश्व की पहली दाई (Midwife) कहती है. आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर इस महिला की कहानी हम आपको बता रहे हैं.

क्यों पुरुषों के वेश में थी अग्नोडाइस?

सवाल यह है कि अग्नोडाइस थी कौन? पुरुषों के लिबास में रहती क्यों थी? 

अग्नोडाइस (Agnodice) की कहानी प्राचीन यूनान से जुड़ी एक प्रेरणादायक कहानी है. यह कहानी पहली बार रोमन लेखक हाइजिनस (Hyginus) द्वारा अपनी पुस्तक फैबुले (Fabulae) में दर्ज की गई थी. ये पुस्तक दूसरी शताब्दी ईस्वी के आसपास लिखी गई थी. 

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अग्नोडाइस का जन्म चौथी शताब्दी ईसा पूर्व में एथेंस, यूनान में हुआ था. उस समय यूनानी समाज में महिलाओं को औपचारिक शिक्षा, खासकर चिकित्सा के क्षेत्र में प्रवेश करने की अनुमति नहीं थी. यह माना जाता था कि चिकित्सा पुरुषों का क्षेत्र है, और महिलाओं को केवल घरेलू भूमिकाओं तक सीमित रखा जाता था. हालांकि, महिलाएं प्रसव के दौरान एक-दूसरे की मदद करती थीं, लेकिन औपचारिक रूप से दाई (Midwife) या चिकित्सक बनना उनके लिए असंभव था. 

इतिहास की पहली दाई अग्नोडाइस.

तब यूनान में बच्चे को जन्म देते समय कई महिलाएं मर जाती थीं. एथेंस में मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर बहुत अधिक था. यूनान ही क्यों उस समय की दुनिया यही कहानी ही थी. अंधविश्वास, विज्ञान पर छाए धुंध, महिलाओं पर बंदिशों की शिकार महिलाएं ही होती थी. 

ऐसी ही नाजुक और भेदभाव वाली दुनिया में एथेंस के एक कुलीन परिवार में पैदा हुईं अग्नोडाइस. 

कुछ घटनाएं, कुछ परिस्थितियां नियति तय करके भेजती हैं. अग्नोडाइस ने कुछ ऐसा देखा कि उन्होंने महिलाओं की मदद की ठान ली. उन्होंने एक 'अपराध' करने का फैसला किया. उन्होंने मेडिसिन पढ़ने का यानी कि डॉक्टर बनने का फैसला किया. सनद रहे उस समय महिलाओं का चिकित्साशास्त्र पढ़ना अपराध था. मर्द डॉक्टर बन सकते थे. 

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अग्नोडाइस ने सबसे पहले अपना रूप बदला. मर्दों के कपड़े पहनने लगी, शरीर की बनावट-कसावट को बदला और बालों को कटवाकर पुरुषों जैसा कर लिया. वह मिस्र के अलेक्जेंड्रिया शहर पहुंची और डॉक्टरी पढ़ने लगी. उस समय अलेक्जेंड्रिया चिकित्सा और विज्ञान का एक प्रमुख केंद्र था. वहां उन्होंने प्रसिद्ध चिकित्सक हेरोफिलस (Herophilus) के अधीन अध्ययन किया, जो शरीर रचना विज्ञान (anatomy) के क्षेत्र में अपने योगदान के लिए जाने जाते थे.  यहां उसने प्रसूति (Obstetrics) और स्त्री रोग ( Gynaecology) में विशेषज्ञता हासिल की. 

मर्द डॉक्टरों की जलन ने अग्नोडाइस को फंसाया

एथेंस वापस लौटकर भी अग्नोडाइस ने अपना पुरुषों वाला वेश नहीं त्यागा. वो पुरुष बनकर ही प्रसव कराती और महिलाओं का उपचार करती रही. अपनी कुशलता और दयालुता के कारण, वह जल्दी ही महिलाओं के बीच लोकप्रिय हो गई. अग्नोडाइस ने अपनी वास्तविक पहचान केवल अपनी महिला मरीजों के सामने प्रकट की, जिससे उन्हें भरोसा और सम्मान मिला.

ऐसे ही किसी दिन वो कहानी हुई जिसकी चर्चा हमने ऊपर की है. लेकिन इस वाकये ने अग्नोडाइस का भेद खोल दिया. 

बात फैलते गई. यूनान का समाज इस कहानी को चटखारे लेकर एक दूसरे को बताने लगा. दक्ष दाई अग्नोडाइस एथेंस के कुलीन परिवारों के महिलाओं का प्रसव करवा रही थी. अग्नोडाइस की पहचान से परिचित कई महिलाएं अब बिना झिझक उसकी सेवा ले रही थी. 

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धीरे-धीरे एथेंस के पुरुष डॉक्टर अग्नोडाइस से ईर्ष्या करने लगे. उन्होंने आरोप लगाया कि पुरुष वेश वाला डॉक्टर अग्नोडाइस एथेंस की स्त्रियों को 'भ्रष्ट' कर रहा है. जल्द ही अग्नोडाइस गंभीर विवाद में घिर गईं. उन्हें सजा देने की मांग होने लगी. 

प्रतिद्वंद्वी चिकित्सकों और क्रोधित पतियों के सामने अग्नोडाइस का मुकदमा

सवाल स्त्रियों की निजता का था. समाज भड़क उठा. मामला एथेंस की गवर्निंग काउंसिल (Areopagus) तक पहुंचा. प्रतिद्वंद्वी चिकित्सकों और क्रोधित पतियों के एक पैनल के सामने अग्नोडाइस का मुकदमा चला. 

'पुरुष' अग्नोडाइस पर सबसे पहले तो स्त्रियों को 'भ्रष्ट' करने का आरोप लगा था. अपनी बेगुनाही साबित करने कि लिए अग्नोडाइस ने वही किया जो उन्होंने प्रसव पीड़ा से कराह रही एक महिला की जान बचाने के लिए किया था. 

साहसी, दृढ़ और जुनून की पक्की अग्नोडाइस ने एथेंस की गवर्निंग काउंसिल (Areopagus) के सामने अपने कपड़े उतारे, जिससे पता चला कि वह एक महिला है. उसकी इस अदभुत गवाही ने महिलाओं को 'भ्रष्ट' को करने के आरोप से उसे तो मुक्त कर दिया.

लेकिन उस पर उस कानून तोड़ने का आरोप लगाया गया, जिसके तहत महिलाएं डॉक्टरी नहीं पढ़ सकती थीं. एथेंस की अदालत ने अग्नोडाइस को मृत्युदंड की सजा दी. 

मृत्युदंड की सजा से उबल गया एथेंस का समाज

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अग्नोडाइस को मिली इस सजा से यूनान के समाज में विद्रोह हो गया. कुलीन स्त्रियां फट पड़ीं. खासकर वो महिलाएं जिनकी डिलीवरी अग्नोडाइस ने करवाई थी. जज, सैन्य अधिकारी और यूनान के संभ्रांत परिवारों की स्त्रियों ने इस सजा को अपराध कहा. अग्रोडाइस की चिकित्सा जजों की पत्नियों की भी जान बचा चुकी थी. कुछ जजों की पत्नियों ने कहा कि अगर एग्नोडाइस को मार दिया गया, तो वे भी उसके साथ मर जाएंगी. इन महिलाओं ने अग्नोडाइस की सरहाना की और अपने सिस्टम की सराहना.

 इन महिलाओं ने कहा, “you men are not spouses but enemies, since you’re condemning her who discovered health for us!” यानी कि आप पुरुष हमारे पति नहीं, बल्कि दुश्मन हैं, क्योंकि आप उस महिला को सजा दे रहे हैं जिसने हमें स्वास्थ्य दिया.

झुक गए जज, जीतीं अग्नोडाइस

अपनी पत्नियों और दूसरी महिलाओं के दबाव को झेलने में असमर्थ जजों ने अग्नोडाइस की सजा माफ कर दी. इसके साथ ही तब से महिलाओं को चिकित्सा का काम करने की अनुमति दे दी गई, बशर्ते वे सिर्फ महिलाओं की देखभाल करें. 

ये मानव इतिहास की क्रांति थी. महिलाएं अब विधिवत मेडिकल पढ़ सकती थी. इसका श्रेय अग्नोडाइस को जाता था. इंसानी इतिहास के इस मोड़ से Obstetrics और  Gynaecology कई पायदान ऊपर चढ़ा है. क्या आप जानते हैं कि प्राचीन यूनान में घर के उस कोने को Gynaikon कहा जाता था जहां सिर्फ महिलाएं रहती थीं. 

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