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धर्मगुरु कादरी का पाकिस्‍तान सरकार से समझौता

पाकिस्तान की गठबंधन सरकार को हिलाने वाले दमदार मौलवी ताहिर उल कादरी ने घोषणा की है कि उनका सरकार के साथ समझौता हो गया है और अब वे चार दिन से जारी प्रदर्शन खत्म करेंगे.

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पाकिस्तान की गठबंधन सरकार को हिलाने वाले दमदार मौलवी ताहिर उल कादरी ने घोषणा की है कि उनका सरकार के साथ समझौता हो गया है और अब वे चार दिन से जारी प्रदर्शन खत्म करेंगे.

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पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी नीत सरकार में शामिल दलों के नेताओं और केन्द्रीय मंत्रियों के 10 सदस्यीय समूह से पांच घंटों की बातचीत के बाद कादरी ने अपने समर्थकों से कहा कि दोनों पक्षों ने इस्लामाबाद ‘लांग मार्च’ घोषणापत्र को अंतिम रूप दे दिया है.

कादरी ने कहा कि प्रधानमंत्री राजा परवेज अशरफ के हस्ताक्षर के बाद इस्लामाबाद के बीचोंबीच स्थित प्रदर्शन स्थल जिन्ना एवेन्यू पर यह दस्तावेज पढा़ जाएगा. कादरी के बोलने के बाद उनके समर्थकों ने जश्न मनाना और नारे लगाना शुरू कर दिया.

कादरी से बात करने वाले समूह में सूचना मंत्री कमर जमान कैरा, कानून मंत्री फारूक नाइक, वाणिज्य मंत्री अमीन फहीम, धार्मिक मामलों के मंत्री खुर्शीद शाह, पीएमएल क्यू प्रमुख चौधरी शुजात हुसैन, मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट :एमक्यूएम: के वरिष्ठ नेता फारूक सत्तार शामिल थे.

यह बातचीत कादरी के बुलेटप्रूफ कंटेनर के अंदर हुई. टेलीविजन पर फुटेज में दिखाया गया कि कादरी और सरकार के नेता गहन सलाह मशविरे में शामिल थे.

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इससे पहले कादरी ने बातचीत के लिए संपर्क किये जाने के बाद पाकिस्तान सरकार के सत्ता छोड़ने और संसद तथा विधानसभाओं को भंग करने की उनकी मांग को पूरा करने के लिए समयसीमा बढ़ा दी थी. कादरी ने अपने भाषण में उनकी मांगों को पूरा करने के लिए सरकार को 90 मिनट की समयसीमा दी थी.

समयसीमा समाप्त होने पर उन्होंने अपने जिन्ना एवेन्यू पर समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा कि उन्होंने सरकार को पौने चार बजे तक का समय दिया था. मौलवी कादरी ने समर्थकों से कहा कि वे लिखित समझौता होने तक प्रदर्शन स्थल नहीं छोड़ें.

कादरी ने कहा कि उन्होंने वार्ता के लिए केवल एक शर्त रखी है कि सरकारी प्रतिनिधिमंडल में गृह मंत्री रहमान मलिक शामिल नहीं होने चाहिए.

बुलटप्रूफ कंटेनर में बैठे कादरी ने कहा, ‘हम जीत के बाद ही यहां से जाएंगे.’ मिन्हाज उल कुरान संगठन के मुखिया कादरी और उनके समर्थक मंगलवार से संसद के पास धरना दे रहे हैं. उन्होंने सोमवार को लाहौर से इस्लामाबाद तक का मार्च निकाला था. अपने समर्थकों के साथ लाहौर से इस्लामाबाद तक रैली निकालने वाले कादरी अपनी मांगों पर कार्रवाई के लिए कई बार समयसीमा तय कर चुके हैं और सरकार उनकी मांगों की लगातार अनदेखी कर रही है.

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उनके भाषण के दौरान मीडियाकर्मियों ने महसूस किया कि कादरी अपने बख्तरबंद और वातानुकूलित केबिन से समर्थकों को संबोधित कर रहे थे जबकि उनके समर्थक बारिश और भीषण ठंड में खुले मैदान में खड़े थे.

पिछले दो दिन से मीडिया में कादरी की अच्छी-खासी अलोचना हो चुकी है. महिलाओं और बच्चों को भी अपने इस्लामाबाद प्रदर्शन में शामिल करने को लेकर मीडिया और सोशल नेटवर्किंग साइटों पर कादरी की आलोचना जारी है. बहुत से प्रदर्शनकारी ठंड में बैठे हैं और रात में खुले में सो रहे हैं.

सत्ताधारी पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी का कहना है कि कादरी की मांगों को संविधान का उल्लंघन किए बिना लागू नहीं किया जा सकता. सूचना मंत्री कमर जमान कैरा ने इस बात को रेखांकित किया था कि कादरी व्यापक चुनाव सुधार की मांग कर रहे हैं, जबकि वह खुद पाकिस्तान में चुनाव नहीं लड़ सकते क्योंकि वह कनाडाई नागरिक हैं.

पीएमएल-एन की अगुवाई में विपक्षी दलों के भी कादरी के खिलाफ पीपीपी के प्रयासों का समर्थन किए जाने के बाद हालात में कुछ बदलाव आया. विपक्षी दलों ने कल ऐलान किया था कि वे लोकतांत्रिक प्रणाली को पटरी से उतारे जाने के किसी भी असंवैधानिक और गैरकानूनी प्रयास का विरोध करेंगे.

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