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Air India के पायलट्स ने मांगी फुल सैलरी, टाटा संस के चेयरमैन को लिखी चिट्ठी

Air India pilots demand: कोरोना माहामारी आने के बाद से एअर इंडिया के पायलट्स की सैलरी 55 फीसदी तक कम कर दी गई धी, लंबे समय से इसके पाइल्ट्स भी पूरी सैलरी देने की मांग कर रहे हैं.

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सांकेतिक तस्वीर
सांकेतिक तस्वीर
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कोरोनाकाल में सैलरी के साथ काटे गए थे भत्ते
  • ICPA ने कहा पैसे काटने का अब कोई मतलब नहीं

एअर इंडिया के पायलट्स ने कंपनी से फुल सैलरी देने की मांग की है. पायलट्स ने अपनी इस मांग को लेकर टाटा संस के चेयरमैन को चिट्ठी लिखी है. इंडियन कमर्शियल पायलट एसोसिएशन (ICPA) ने टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन को चिट्ठी लिखकर अपनी मांगें बताई हैं. 

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ICPA ने कहा कि कोरोना के दौरान महामारी का हवाला देकर उनके वेतन में 55 प्रतिशत की कटौती की गई थी. इसके अलावा पायलट्स के अन्य भत्तों में भी कमी की गई थी.

पायलट्स का कहना है कि अब पहले जैसे हालात नहीं हैं, इसलिए सैलरी में कटौती जारी रखने के पीछे कोई तर्क नहीं है. संस्था ने कहा कि उन्होंने पिछले मालिक से पूरा भुगतान फिर से बहाल करने की अपील की थी. लेकिन इस पर प्रतिक्रिया नहीं दी गई.

एसोसिएशन ने निश्चित घंटे काम करने का भत्ता बहाल करने की मांग की है. पायलट्स ने चिट्ठी में कहा है कि घरेलू और अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की आवाजाही में निरंतर सुधार देखने को मिल रहा है. इसलिए भत्ते बहाल किए जाने चाहिए.

पत्र में कहा गया है कि उड़ान के घंटों के हिसाब से भुगतान करना प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे पायलटों के लिए बेहद नुकसानदायक है. इसमें संचालन की बेहतरी के लिए CRM, WFB और दूसरे ऑफिस काम को नहीं जोड़ा जाता है. 

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निर्धारत भत्तों की दरें बढ़ाने की मांग

ICPA ने इंटरनेशनल लेओवर निर्वाह भत्ते की समीक्षा करने की भी अपील की है. चिट्ठी में कहा गया है कि फिलहाल विदेश मंत्रालय की निर्धारित दरों के मुताबिक भत्ते का भुगतान किया जाता है. ये दरें विदेशों में ड्यूटी पर तैनात सरकारी कर्मचारियों पर लागू होती हैं. एसोसिएशन ने कहा कि वर्तमान में लागू विदेश मंत्रालय की दरों को खत्म करके व्यावसायिक मानकों के हिसाब से भत्ते की समीक्षा की जानी चाहिए.

को-पायलट्स की सैलरी भी बढ़ाने की मांग

एसोसिएशन ने टाटा संस के चेयरमैन से को-पायलट्स की सैलरी में भी संशोधन करने को कहा है. चिट्ठी में कहा गया है कि कि एअर इंडिया के को-पायलट्स को इंडस्ट्री में सबसे कम वेतन दिया जाता है. इतना ही नहीं वेतन कटौती से पायलटों का मनोबल भी गिरा है. जबकि, पायलट्स को कंपनी की जरूरतों के मुताबिक उच्च योग्यता हासिल करने के लिए प्रेरित किया जाता है. 

स्पाइसजेट को पछाड़कर टाटा ने जीती थी बोली

8 अक्टूबर, 2021 को सरकार ने घोषणा की थी कि टैलेस प्राइवेट लिमिटेड, टाटा संस की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी ने कर्ज में डूबी एयर इंडिया का अधिग्रहण करने के लिए बोली जीती है. टाटा ने स्पाइसजेट के प्रमोटर अजय सिंह के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम को 18,000 करोड़ रुपये की पेशकश करके पीछे छोड़ दिया था. इसके बाद चंद्रशेखरन को 14 मार्च को एअर इंडिया का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया था. ये ऐलान तब किया गया, जब तुर्की के नागरिक इल्कर आयसी ने एयरलाइन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बनने से इनकार कर दिया था.

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