आतंकी संगठन अलकायदा और आतंकवादी ओसामा बिन लादेन को लेकर अमेरिका में पाकिस्तान की पूर्व राजदूत आबिदा हुसैन ने बड़ा दावा किया है. उन्होंने कहा कि लादेन ने पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को वित्तीय सहायता हासिल करने में समर्थन दिया था. ट्रिब्यून ने आबिदा के हवाले से कहा, 'हां, ओसामा बिन लादेन ने एक समय में मियां नवाज शरीफ का समर्थन किया था. हालांकि, यह एक जटिल कहानी है. ओसामा वित्तीय सहायता नवाज शरीफ तक पहुंचाता था.'
बता दें कि आबिदा नवाज शरीफ की सरकार में कैबिनेट सदस्य भी रह चुकी हैं. उन्होंने बताया कि एक समय में लादेन अमेरिकियों सहित सभी को पसंद था लेकिन बाद में उसे 'अजनबी' माना जाने लगा. धीरे-धीरे हालात बदल गए.
गौरतलब है कि पूर्व राजदूत आबिदा हुसैन का बयान ऐसे समय आया है जब नवाज शरीफ पर लगातार इस तरह के आरोप लग रहे हैं. पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ की नेशनल असेंबली के सदस्य फारुख हबीब ने हाल ही में आरोप लगाया कि शरीफ ने ही देश में विदेशी फंडिंग की नींव रखी थी. बेनजीर भुट्टो की सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए ओसामा बिन लादेन से 10 मिलियन अमरीकी डॉलर लिए थे.
मालूम हो कि नवाज शरीफ तीन बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रहे हैं. उन पर कश्मीर में हिंसा को बढ़ावा देने और लादेन से पैसे लेने का आरोप है. पाकिस्तान मुस्लिम लीग के सुप्रीमो नवाज भ्रष्टाचार के आरोपों में पाकिस्तान की सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 2017 में सत्ता से बेदखल कर दिए गए थे. वह अभी इलाज के सिलसिले में लंदन में हैं.
जबकि, ओसामा बिन लादेन को साल 2011 में अमेरिकी कमांडों ने पाकिस्तान के एबटाबाद में मार गिराया था. पाकिस्तान ने शुरू में लादेन के उसके यहां होने से इनकार कर दिया था, लेकिन अमेरिकी कमांडों के एक्शन से उसकी पोल दुनिया के सामने खुल गई. 2016 में नवाज शरीफ पर अलकायदा के सरगना ओसामा बिन लादेन से पैसे लेने का आरोप लगाते हुए एक किताब भी जारी की गई थी.
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खालिद ख्वाजा: शहीद-ए-अमन नामक किताब, पूर्व आईएसआई ऑपरेटिव खालिद ख्वाजा की पत्नी शम्मा खालिद द्वारा लिखी गई थी. रिपोर्ट के मुताबिक, भुट्टो के नेतृत्व वाली पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए शरीफ ने अल-कायदा के संस्थापक ओसामा बिन लादेन से पैसे लिए थे.