ऑल्ट न्यूज के को फाउंडर मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी पर बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. कहने को ये भारत का आतंरिक मामला है, लेकिन इस पर दूसरे देशों की प्रतिक्रिया भी लगातार आ रही है. हाल ही में जर्मनी ने भी इस मुद्दे पर अपने विचार रखे थे. भारत को प्रेस फ्रीडम का सम्मान करने की नसीहत दी थी.
अब जर्मनी की सलाह पर भारत के विदेश मंत्रालय की तरफ से दो टूक जवाब आ गया है. जोर देकर कहा गया है कि बिना जानकारी के बयान देने से बचना चाहिए. अरिंदम बागची कहते हैं कि एक न्यायिक प्रक्रिया होती है. उन मुद्दों पर कमेंट करने से बचना चाहिए जो विचारधीन चल रहे हों. वैसे भी हमारी न्याय प्रणाली की स्वतंत्रता पूरी दुनिया में विख्यात है. ऐसे में बिना जानकारी के बयान देने से बचना चाहिए.
जानकारी के लिए बता दें कि कुछ दिन पहले जर्मनी ने मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तार पर बयान जारी किया था. उन्होंने कहा था कि भारत खुद को दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र बताता है. ऐसे में लोकत्रांतिक मूल्यों को उचित सम्मान मिले, प्रेस की आजादी को जगह दी जाए, ये सब जरूरी हो जाता है. अब उसी बयान पर भारत ने ये प्रतिक्रिया दी है. इससे पहले भी देश के आंतरिक मुद्दों पर दूसरे देशों के बयानों का ज्यादा स्वागत नहीं किया गया है.
मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी की बात करें तो उन्हें पिछले महीने 27 को अरेस्ट किया गया था. उन पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप था. दरअसल उनके 2018 के एक ट्वीट का हवाला देकर उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया. अभी के लिए अदालत ने उनकी जमानत याचिका भी खारिज कर दी और उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. उनकी मुसीबत इसलिए भी ज्यादा बढ़ गई है क्योंकि उनको विदेशों से फंड मिलने का खुलासा हुआ है. दिल्ली पुलिस ने जुबैर की बैंक डिटेल की ED को दी है.