अमेरिका और ईरान में लगातार चल रही खटास के बीच ईरानी राष्ट्रपति हसन रूहानी ने संकेत दिया है कि अगर अमेरिका सम्मान दर्शाता है और अंतर्राष्ट्रीय नियमों का पालन करता है, तो ईरान वार्ता करने के लिए सहमत हो सकता है.
उन्होंने ये भी कहा कि तेहरान जबरन वार्ता के लिए तैयार नहीं होगा. ईरान परमाणु समझौते से अमेरिका के अलग होने को तेहरान अंतर्राष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन बताते हुए इसकी निंदा करता रहा है. साथ ही उसने अमेरिका द्वारा उस पर प्रतिबंध लगाए जाने की निंदा करते हुए इसे इस्लामिक गणतंत्र को नए समझौते के लिए मजबूर करने की कोशिश करार दिया है.
ईरानी समाचार एजेंसी द फार्स के मुताबिक, रूहानी ने शनिवार को कहा, "अगर दूसरा पक्ष बातचीत की मेज पर सम्मान दर्शाता है और अंतर्राष्ट्रीय नियमों का पालन करता है तो हम (दूसरे पक्ष से) तर्कसंगत बातचीत के लिए तैयार हैं, लेकिन अगर बातचीत का आदेश जारी किया जाता है तो हमें यह स्वीकार नहीं है."
बता दें कि दोनों देशों में लंबे समय से खटास का दौर जारी है. कुछ दिनों पहले अमेरिका ने ये तक कह दिया था कि अगर ईरान अमेरिका के साथ युद्ध लड़ता है तो आधिकारिक तौर पर उसका अंत हो जाएगा. डोनाल्ड ट्रंप ने अपने ट्वीट में ईरान को धमकी देते हुए लिखा था, अगर ईरान लड़ना ही चाहता है तो यह उसका आधिकारिक तौर पर अंत होगा. अमेरिका को फिर कभी धमकी मत देना.
वाशिंगटन में एक खुफिया रिपोर्ट आने के बाद दोनों देशों के बीच संभावित सैन्य टकराव को लेकर बहस छिड़ने पर ट्रंप के इस ट्वीट ने अमेरिका में इस डर को और हवा दी है कि दोनों देश एक दूसरे से युद्ध लड़ सकते हैं. अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक ईरान अमेरिका के महत्वपूर्ण संस्थानों और संपत्ति को निशाना बना कर हमला कर सकता है.