अमेरिका ने येरूशलम को इजराइल की राजधानी के तौर पर मान्यता देने के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले को खारिज करने वाले संयुक्त राष्ट्र के एक मसौदा प्रस्ताव पर वीटो कर दिया. सुरक्षा परिषद के 14 अन्य सभी सदस्यों ने प्रावधान का समर्थन किया.
अमेरिकी राजदूत निक्की हेली द्वारा वीटो किया जाना, अमेरिकी दूतावास को तेल अवीव से येरूशलम ले जाने के ट्रंप के फैसले पर अमेरिका के अलग- थलग पड़ जाने का सबूत है.
सुरक्षा परिषद के 15 सदस्यों में अमेरिका के मित्र देशों-ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, जापान और यूक्रेन समेत 14 देशों ने प्रावधान का समर्थन करते हुए जोर दिया. उन्होंने कहा कि येरूशलम के दर्जे पर किसी भी फैसले का कानूनी प्रभाव नहीं है और यह निष्प्रभावी है.
संयुक्त राष्ट्र ने बुलाई थी आपात बैठक
इससे पहले ट्रंप के फैसले के बाद संयुक्त राष्ट्र के 15 सदस्यों ने आपात बैठक करते हुए इस मुद्दे पर विचार विमर्श किया था. बैठक के बाद पांच यूरोपीय देशों ने अपने संयुक्त बयान में कहा कि येरूशलम का स्टेटस इजराइल और फिलिस्तीन के बीच वार्ता के बाद तय किया जाना चाहिए. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने एक ऐसे प्रस्ताव पर मतदान किया था जो येरूशलम को इजराइल की राजधानी के रूप में मान्यता देने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले को खारिज करने या न करने से संबंधित था.
बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप के इस फैसले को लेकर फिलिस्तीन में भी जमकर विरोध प्रदर्शन हुआ. इससे पहले हमास ने येरूशलम को इजरायल की राजधानी घोषित करने के ट्रंप के फैसले को युद्ध की घोषणा करार दिया था. वहीं, क्षेत्र में नए सिरे से आंदोलन का आह्वान किया गया है.