आतंकवाद के मसले पर अमेरिका ने पाकिस्तान को सख्त चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर भारत पर आगे कोई आतंकी हमला होता है तो यह उसके लिए बड़ी मुसीबत बन सकता है. पाकिस्तान को आगाह करते हुए अमेरिका ने साफ कर दिया है कि उसे आतंकी संगठनों पर ठोस कार्रवाई करनी होगी. अमेरिका ने पाकिस्तान को कड़ा संदेश देते हुए कहा कि खास-तौर पर जैश-ए मोहम्मद और लश्कर-ए तैयबा जैसे आतंकी संगठनों के खिलाफ पाकिस्तान को पुख्ता एक्शन लेना होगा.
वाशिंगटन में व्हाइट हाउस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को बताया कि पाकिस्तान को आतंकी संगठनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की जरूरत है. भारत-पाकिस्तान क्षेत्र में किसी प्रकार का तनाव पैदा न हो, इसके लिए जरूरी है कि पाकिस्तान खासकर जैश-ए मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा के खिलाफ सख्त कदम उठाए. अमेरिका ने कहा है कि अगर हालात बिगड़ते हैं तो दोनों देशों के लिए खतरनाक होंगे. बता दें कि जैश-ए मोहम्मद वो आतंकी संगठन है, जिसने पुलवामा में 14 फरवरी को सीआरपीएफ जवानों के काफिले को निशाना बनाया था और उसमें 40 जवानों की शहादत हुई थी. इस हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान पर एयरस्ट्राइक कर वहां मौजूद आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया था. पुलवामा के दोषियों पर कार्रवाई के लिए भारत पाकिस्तान को सबूत भी सौंप चुका है.
अमेरिकी अधिकारी ने ये भी कहा कि पिछले कुछ दिनों में पाकिस्तान ने शुरुआती एक्शन लिए हैं, जिसमें आतंकी संगठनों की संपत्तियां जब्त की गई हैं और उनकी गिरफ्तारियां भी हुई हैं. पाकिस्तान ने जैश के कुछ प्रमुख ठिकानों को भी अपने कब्जे में लिया है. लेकिन हम इससे काफी ज्यादा एक्शन देखना चाहते हैं. अमेरिका ने पाकिस्तान से स्पष्ट कहा है कि पहले भी पाकिस्तान की तरफ से गिरफ्तारी जैसे कदम उठाए गए हैं, लेकिन बाद में इन आतंकियों को छोड़ दिया जाता है. यहां तक कि आतंक के आकाओं को पूरे देश में घूमने की भी इजाजत मिल जाती है. ऐसे में पाकिस्तान को अब एकदम ठोस कार्रवाई करनी होगी.
बालाकोट में भारतीय वायुसेना की कार्रवाई के बाद पाकिस्तान की ओर से उठाए गए कदमों के बारे में पूछे जाने पर व्हाइट हाउस के अधिकार ने कहा कि अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय समुदाय देखना चाहता है कि आतंकी संगठनों के खिलाफ ठोस और निर्णायक कार्रवाई हो. अधिकारी ने कहा, 'अभी पाकिस्तान की ओर से उठाए गए कदमों को लेकर पूर्ण आकलन करना जल्दबाजी होगी. हाल के दिनों में पाकिस्तान ने कुछ शुरुआती कदम उठाए हैं. मसलन, कुछ आतंकी संगठनों की संपत्तियां जब्त की गई हैं और कुछ की गिरफ्तारी भी हुई हैं और जैश के कुछ ठिकानों को प्रशासन ने अपने कब्जे में लिया है. लेकिन इन कदमों के अलावा अभी पाकिस्तान की ओर से बहुत कुछ किए जाने की जरूरत है.