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'मदर ऑफ ऑल बॉम्ब' से पहले अफगानिस्तान में इन हथियारों का इस्तेमाल कर चुका है US

हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी सेना की जमकर तारीफ की. गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है कि अमेरिका ने अफगानिस्तान में घुसकर हमला किया हो.

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इससे पहले भी कई हमले कर चुका है अमेरिका
इससे पहले भी कई हमले कर चुका है अमेरिका

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अमेरिका ने गुरुवार रात अफगानिस्तान पर जबरदस्त हमला किया. अफगानिस्तान-पाकिस्तान के बॉर्डर पर आईएस की गुफाओं को निशाना बनाते हुए अमेरिका ने वहां 'मदर ऑफ ऑल बॉम्ब' का इस्तेमाल किया. हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी सेना की जमकर तारीफ की. गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है कि अमेरिका ने अफगानिस्तान में घुसकर हमला किया हो.

लगातार रहा अमेरिका का दखल
आपको बता दें कि अमेरिका अफगानिस्तान में लगातार दखल देता रहा है. अफगानिस्तान में पिछले काफी समय से युद्ध के हालात रहे हैं, जिसके कारण अमेरिका का अफगानिस्तान में दखल रहा है. लेकिन ओसामा बिन लादेन और 9/11 हमलों के बाद अमेरिका ने खुलकर अफगानिस्तान में हमला तेज कर दिया. अमेरिकी सेना काफी बड़ी मात्रा में अभी भी अफगानिस्तान में मौजूद है. अमेरिका लगातार कई तरह के हथियारों और तरीकों का इस्तेमाल अफगानिस्तान में करता रहा है.

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करे हैं कई हवाई हमले
अमेरिका ने अफगानिस्तान पर पहला बड़ा हमला 9/11 हमले के ठीक 15 दिन बाद किया था, इस दौरान अमेरिका ने सीआईए के Mi-17 हेलीकॉप्टर से हवाई हमले किये थे. इसके बाद अक्टूबर, 2001 में तालिबान पर हमले के लिए एयर मिसाइलें दागी थी. इस दौरान अमेरिका ने MIG-21 और Su-22 का इस्तेमाल किया.

ड्रोन और सेना का इस्तेमाल
इसके अलावा अमेरिका लगातार आतंकी इलाकों में ड्रोन हमले करता रहा है. हालांकि अमेरिका के कई हमलों में आतंकियों के अलावा आम नागरिकों को भी काफी नुकसान पहुंचा है. इसके साथ ही अमेरिका के कई जवान वहां पर मौजूद रहते हैं, और किसी भी मिशन को अंजाम देते हैं.

क्यों किया हमला?
अमेरिका सेना के मुताबिक अफगानिस्तान के नंगारहर प्रांत में हाल ही में आईएस के हमले में अमेरिका के विशेष सुरक्षा बल 'ग्रीन बेरेट' के कमांडर की जान चली गई थी. बताया जा रहा है कि अमेरिका ने इस घटना के बाद इतना बड़ा कदम उठाया है. यह डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की ओर से उठाया गया सबसे बड़ा कदम है. शनिवार को अमेरिकी विशेष सुरक्षा बल के सार्जेंट 37 वर्षीय मार्क डी एलनकार की आईएस से लड़ाई के दौरान मौत हो गई थी.

कब किया हमला?
अमेरिका ने पूर्वी अफगानिस्तान के नंगारहर में अपने सबसे बड़ा गैर परमाणु बम 'GBU-43' गिराया है. करीब 21,000 पाउंड (9,797 किलो) वजनी इस बम को वहां 'मदर ऑफ ऑल बॉम्ब' के नाम से जाना जाता है. अमेरिकी सेना के मुताबिक, स्थानीय समय के अनुसार शाम 7.32 बजे गिराए इस सबसे बड़े गैर परमाणु बम के जरिये उन गुफाओं को निशाना बनाया गया, जहां इस्लामिक स्टेट के आतंकियों ने पनाह ले रखी थी.

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करजई ने की आलोचना
अमेरिका की ओर से आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) को निशाना बनाकर गिराए गए गैर परमाणु बम 'GBU-43' की अफगानिस्तान ने कड़ी आलोचना की है. अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करजई ने कहा, "मैं अमेरिकी सेना की ओर से घातक गैर परमाणु बम गिराए जाने की कड़े शब्दों में निंदा करता हूं." उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई आतंकवाद के खिलाफ नहीं, बल्कि अफगानिस्तानियों के खिलाफ और अमानवीय है.

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