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ईरान पर अमेरिका ने लगाए कड़े प्रतिबंध, ट्रंप ने कहा- दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा

नए प्रतिबंधों का मकसद ईरान को पारंपरिक हथियारों के हस्तांतरण को रोकना है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक बयान में कहा, "मेरी कार्रवाई आज ईरानी शासन और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए स्पष्ट है कि जो ईरान के लिए खड़ा होगा उनपर भी प्रतिबंध लगाए जाएंगे.''

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राष्ट्रपति ट्रंप
राष्ट्रपति ट्रंप
स्टोरी हाइलाइट्स
  • तनाव के बीच अमेरिका ने ईरान पर लगाए और कड़े प्रतिबंध
  • ट्रंप ने कहा दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा

परमाणु हथियारों को लेकर जारी तनाव के बीच अमेरिका ने ईरान पर कुछ नए और कड़े प्रतिबंध लगा दिए हैं. सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक इस सप्ताह के अंत में तेहरान पर संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों को फिर से लागू करने के अपने प्रयासों के बाद अमेरिका ने सोमवार को ईरानी अधिकारियों और संस्थाओं पर नया प्रतिबंध लगा दिया. 

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नए प्रतिबंधों का मकसद ईरान को पारंपरिक हथियारों के हस्तांतरण को रोकना है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक बयान में कहा, "मेरी कार्रवाई आज ईरानी शासन और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए स्पष्ट है कि जो ईरान के लिए खड़ा होगा उनपर भी प्रतिबंध लगाए जाएंगे."

उन्होंने कहा, "मेरी सरकार ईरान के परमाणु, बैलिस्टिक मिसाइल और पारंपरिक हथियारों के जखीरे को निपटाने के लिए हर उपकरण का उपयोग करेगी."

अमेरिकी विदेश मंत्री माइकल पोम्पिओ ने एक बयान में कहा, "ईरान पर संयुक्त राष्ट्र की पाबंदियां अनिश्चित काल के लिए फिर से लागू हो गई हैं. हम यह सुनिश्चित करेंगे कि यह तब तक बना रहे जब तक कि ईरान अपना व्यवहार नहीं बदल लेता."

उन्होंने कहा, "नया कार्यकारी आदेश हमें जवाबदेह लोगों को पकड़ने के लिए शक्ति देता है. सीएनएन के अनुसार, ईरान के परमाणु समझौते के तहत हटाए गई पाबंदियों को ईरान पर फिर से लागू करने के संयुक्त राष्ट्र के फैसले के कुछ ही दिनों बाद अमेरिका ने कहा कि नया कार्यकारी आदेश जारी किया गया था.

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हालांकि, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अन्य सदस्यों द्वारा अमेरिका के प्रयासों को खारिज कर दिया गया था, जिन्होंने कहा था कि वाशिंगटन के पास स्नैपबैक प्रतिबंध लगाने का कानूनी अधिकार नहीं है क्योंकि यह समझौते से बाहर हो गया था.

रक्षा सचिव मार्क ओशो ने कहा, "कार्यकारी आदेश पारंपरिक हथियारों को आयात करने और आगे बढ़ाने के लिए ईरानी प्रयासों को और बाधित करेगा, जब तक कि ईरान अंतरराष्ट्रीय मानकों का अनुपालन नहीं करता है, तब तक अमेरिकी बलों, हमारे सहयोगियों और नागरिक आबादी की रक्षा करने में मदद मिलेगी.''

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