भारत की अगुवाई में बने अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन (इंटरनेशनल सोलर अलायंस समिट) को सौर ऊर्जा के क्षेत्र में एक बड़े कदम के रूप में देखा जा रहा है. इस कदम की तारीफ अमेरिका ने भी की है.
अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने इस मौके पर कहा कि हम ISA के संस्थापन समारोह पर उसे बधाई देते हैं, हम इस संगठन की शुरूआत और स्थापना के प्रयासों तथा इसके संस्थापक सदस्यों को इस सप्ताहांत पर साथ लाने के लिए भारत सरकार को बधाई देते हैं. अमेरिकी विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि वह भी इस मामले में भारत और अन्य देशों के साथ काम करने का इच्छुक है.
आपको बता दें कि आईएसए 121 ऐसे देशों के बीच संधि आधारित अंतर-सरकारी गठबंधन है जहां अच्छी धूप खिलती है. इसमें शामिल ज्यादातर देश उष्णकटिबंधीय प्रदेश में कर्क और मकर रेखा के बीच स्थित हैं. इन देशों द्वारा सौर ऊर्जा को अपनाए जाने से जीवाश्म ईंधन का प्रयोग कम होने और जलवायु परिवर्तन से प्रभावी तरीके से लड़ने में मदद मिलेगी.
नई दिल्ली में भारत और फ्रांस द्वारा पिछले रविवार को औपचारिक रूप से संस्थापित आईएसए के समझौते पर 60 देशों ने हस्ताक्षर किया है. आईएसए के संस्थापन समारोह में 23 देशों के प्रमुखों ने भाग लिया.
सम्मेलन के दौरान फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने विकासशील देशों को सौर ऊर्जा परियोजनाएं लगाने के लिए 86.2 करोड़ डॉलर के अतिरिक्त राशि की घोषणा की.