भारत ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने का ऐतिहासिक फैसला किया. हालांकि अब इस फैसले को लेकर अमेरिका का कहना है कि जम्मू-कश्मीर की विशेष संवैधानिक स्थिति को रद्द किए जाने से पहले भारत सरकार ने अमेरिकी सरकार से परामर्श नहीं किया और न ही सूचित किया. दरअसल, ऐसी खबरें थीं कि भारत ने अनुच्छेद 370 हटाए जाने से पहले अमेरिका को जानकारी दी थी.
Contrary to press reporting, the Indian government did not consult or inform the US Government before moving to revoke Jammu and Kashmir’s special constitutional status. - AGW
— State_SCA (@State_SCA) August 7, 2019
एक दिन पहले मंगलवार को अमेरिका ने कहा कि उसे जम्मू कश्मीर के दर्जे को बदलने के भारत के कदम की जानकारी मिली है और नई दिल्ली ने इसे बिल्कुल आंतरिक मामला बताया है. विदेश विभाग के प्रवक्ता मोर्गन ओर्टागस ने एक सधे हुए बयान में कुछ कश्मीरी नेताओं को हिरासत में लिए जाने की खबरों पर चिंता व्यक्त की और व्यक्तिगत अधिकारों का सम्मान और प्रभावित लोगों से वार्ता करने का आग्रह किया.
अमेरिका ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर भी शांति और स्थिरिता बनाए रखने का आग्रह किया. बयान के अनुसार, "हम जम्मू कश्मीर के घटनाक्रम पर बराबर नजर रखे हुए हैं. हमें भारत की ओर से जम्मू कश्मीर के संवैधानिक दर्जे में संशोधन करने की घोषणा और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने की योजना की जानकारी मिली है." बयान के अनुसार, "हमने पाया कि भारत सरकार ने इन कार्रवाइयों को एक बिल्कुल आंतरिक मामला बताया है."
बयान में कहा गया है, "हम नेताओं को हिरासत में लेने संबंधी खबरों पर चिंतित हैं और व्यक्तिगत अधिकारों और प्रभावित समुदायों से चर्चा करने का आग्रह करते हैं." बयान के अनुसार, "हम सभी पक्षों से एलओसी पर शांति और स्थिरिता कायम रखने का आग्रह करते हैं."
भारत सरकार ने सोमवार को जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटा दिया था और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों -जम्मू कश्मीर और लद्दाख में परिवर्तित कर दिया.