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अल कायदा का आका जवाहिरी ड्रोन हमले में ढेर, अमेरिका ने सीक्रेट ऑपरेशन को ऐसे दिया अंजाम

अल कायदा का आका जवाहिरी अमेरिकी ड्रोन हमले में ढेर हो गया. अल जवाहिरी ने अफगानिस्तान के काबुल में शरण ले रखी थी. अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक, इस हमले के लिए अमेरिका ने दो Hellfire मिसाइल का इस्तेमाल किया. ड्रोन हमले को शनिवार रात 9:48 बजे अंजाम दिया गया. इस दौरान अमेरिका का कोई भी अधिकारी अफगानिस्तान में मौजूद नहीं था.

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अल कायदा चीफ अल जवाहिरी
अल कायदा चीफ अल जवाहिरी

अमेरिका ने ड्रोन स्ट्राइक में अल कायदा के चीफ अल जवाहिरी को ढेर कर दिया. अल जवाहिरी (71 साल) ओसामा बिन लादेन की मौत के बाद से आतंकी संगठन अल कायदा का लीडर था. जवाहिरी काबुल में एक घर में छिपा था. अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अल जवाहिरी की मौत की पुष्टि की है. 

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अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि जवाहिरी 9-11 की साजिश में शामिल था. इस हमले में 2977 लोगों की मौत हो गई थी. दशकों से वह अमेरिकियों पर हमले का मास्टरमाइंड रहा है. 

कैसे किया गया ढेर?

सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, जवाहिरी ने काबुल में शरण ले रखी थी. अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक, वह ड्रोन हमले में मारा गया. इस हमले के लिए अमेरिका ने दो Hellfire मिसाइल का इस्तेमाल किया. ड्रोन हमले को शनिवार रात 9:48 बजे अंजाम दिया गया. बताया जा रहा कि जवाहिरी पर हमले से पहले बाइडेन ने अपनी कैबिनेट और सलाहकारों के साथ कई हफ्तों तक मीटिंग की. इतना ही नहीं खास बात ये है कि इस हमले के समय कोई भी अमेरिकी काबुल में मौजूद नहीं था. 

हक्कानी तालिबान के वरिष्ठ लोगों को क्षेत्र में जवाहिरी की मौजूदगी के बारे में जानकारी थी.अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि यह दोहा समझौते का स्पष्ट उल्लंघन है. तालिबान ने जवाहिरी की मौजूदगी छिपाने की कोशिश की भी की.  तालिबान ने इस पर भी विशेष ध्यान दिया कि उसके ठिकाने तक कोई न पहुंच सके. इसके लिए उसके परिवार के सदस्यों की लोकेशन भी बदली गई. हालांकि, अमेरिका ने साफ कर दिया कि इस हमले में उसके परिवार को न ही निशाना बनाया गया, न ही उसे कोई नुकसान पहुंचा. इतना ही नहीं अमेरिका ने अपने इस मिशन की जानकारी तालिबान को भी नहीं दी. 

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कौन था जवाहिरी? 

जवाहिरी 11 साल से अल कायदा की कमान संभाल रहा था. वह कभी ओसामा बिन लादेन का पर्सनल फिजीशियन था. न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, जवाहिरी इजिप्ट के प्रतिष्ठित परिवार से आता है. उसके दादा रबिया अल-जवाहिरी काहिरा में अल-अजहर यूनिवर्सिटी में इमाम थे. उसके परदादा अब्देल रहमान आजम अरब लीग के पहले सचिव थे. इतना ही नहीं जवाहिरी ने अमेरिका पर आतंकी हमले के मास्टरमाइंड की साजिश में मदद की थी. 11 सितंबर, 2001 को अमेरिका पर हुए हमलों के बाद जवाहिरी लगातार छिप रहा था. इसके बाद अफगानिस्तान के पहाड़ी तोरा बोरा क्षेत्र में वह अमेरिकी हमले में बच गया था. इसमें उसकी पत्नी और बच्चों की मौत हो गई थी. 

 

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