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दक्षिण एशियाई देशों से रिश्ते सुधारने के नरेंद्र मोदी के कदमों की अमेरिका में तारीफ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने शपथ ग्रहण समारोह में दक्षिण एशियाई देशों के राष्ट्राध्यक्षों को आमंत्रित कर पड़ोसी मुल्कों से रिश्तों में सुधार की जो नई शुरुआत की थी वो लगातार जारी है और अब उसकी अमेरिका में भी तारीफ हो रही है.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने शपथ ग्रहण समारोह में दक्षिण एशियाई देशों के राष्ट्राध्यक्षों को आमंत्रित कर पड़ोसी मुल्कों से रिश्तों में सुधार की जो नई शुरुआत की थी अब उसकी अमेरिका में भी तारीफ हो रही है. अमेरिका के शीर्ष अधिकारियों, विशेषज्ञों एवं सांसदों ने दक्षेस देशों के साथ रिश्तों में सुधार के लिए उनके कदमों की तारीफ करते हुए कहा कि मोदी ने पाकिस्तान सहित अपने पड़ोसियों के साथ संबंधों को मजबूत करने की दिशा में ठोस प्रतिबद्धता दिखाई है.

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कांग्रेस की सुनवाई के दौरान दक्षिण एवं मध्य एशिया मामलों की सहायक विदेश मंत्री निशा देसाई बिस्वाल ने कहा, ‘जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और दक्षेस के दूसरे नेताओं को आमंत्रित किया तो उन्होंने उस क्षेत्र में भारत के रिश्ते को मजबूत करने को लेकर अपनी प्रतिबद्धता दिखाई.’

उन्होंने कहा, ‘यह भारत और पूरे क्षेत्र के लिए अच्छी खबर है तथा इससे वैश्विक स्थिरता को काफी फायदा होगा.’ निशा ने कहा कि भारत के पास इस पूरे क्षेत्र को साथ लेकर चलने तथा व्यापार एवं संपर्क को बढ़ावा देकर समृद्धि एवं शांति बढ़ाने का एक मौका है.

उन्होंने कहा, ‘भारत का व्यापार यूरोप, अमेरिका और पश्चिम एशिया के साथ अपने दक्षिण एशियाई पड़ोसियों के मुकाबले कहीं ज्यादा है. भारत अपने, दक्षिण एशिया एवं शेष एशिया के बीच संपर्क के नेटवर्क को आकार देकर व्यापार संबंधी इस समस्या का समाधान कर सकता है.’

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निशा ने कहा, ‘अमेरिका दक्षेस के साथ रिश्तों को मजबूत करने के लिए किए जा रहे भारत की नयी सरकार के प्रयासों का स्वागत करता है. हम यह देखकर खुश हैं कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज अपनी पहली आधिकारिक यात्रा पर बांग्लादेश गईं.’ ओबामा प्रशासन में अधिकारी रह चुके विक्रम सिंह ने कहा कि मोदी ने अपने शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तान एवं दूसरे पड़ोसी देशों के नेताओं को आमंत्रित करने के साथ अपने अंतरराष्ट्रीय मामलों से जुड़े कदमों की शुरूआत की और अब तक इस संदर्भ में उन्होंने सकारात्मक कदम उठाए हैं.

भारत में अमेरिका के पूर्व राजदूत फ्रैंक जी विस्नर ने कांग्रेस की सुनवाई के समक्ष मोदी की ओर से पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के साथ बातचीत की शुरुआत करने का उल्लेख किया.

विस्नर ने सीनेट की उप समिति के समक्ष कहा, ‘वह (मोदी) और उनके सहयोगी अमेरिका की मध्यस्थता और प्रत्यक्ष संलिप्तता नहीं चाहते. भारतीयों का मानना है कि वे पाकिस्तान के साथ आगे बढ़ने का रास्ता खुद तलाश सकते हैं तथा अमेरिका के शामिल होने से दोनों सरकारों की अपने मतभेदों को दूर करने करने की क्षमता और जटिल हो जाएगी.’ हेरीटेज फाउंडेशन की लीजा कर्टिस ने कहा कि मोदी ने नवाज शरीफ को अपने शपथ ग्रहण में आमंत्रित कर इस्लामाबाद के साथ संबंधों में सकारात्मक लय लाने में अपनी दिलचस्पी दिखाई है.

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सुनवाई के दौरान सीनेटर जॉन मैक्केन सहित अमेरिकी सांसदों ने भारत सरकार के दक्षेस से जुड़े कदम की तारीफ की.

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