अमेरिकी पत्रिका 'द अटलांटिक' ने हाल ही में एक रिपोर्ट पब्लिश की है. इस रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि अमेरिकी प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों ने सिग्नल मैसेजिंग ऐप पर एक ग्रुप चैट में यमन में हूती विद्रोहियों पर हमले की योजनाओं पर चर्चा की थी. इस ग्रुप चैट में गलती से 'द अटलांटिक' के एडिटर-इन-चीफ जेफरी गोल्डबर्ग को शामिल कर लिया गया था, जिससे ये संवेदनशील जानकारी सार्वजनिक हो गई.
इस मैसेजिंग ग्रुप का नाम 'हूतीज़ पीसी स्मॉल ग्रुप' था. इसमें कुल 19 सदस्य थे, जिनमें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइकल वाल्ट्ज़, रक्षा सचिव पीट हेगसेथ और उपराष्ट्रपति जेडी वेंस शामिल थे. चैट में 15 मार्च को यमन में हूती ठिकानों पर हमले की योजनाओं पर विस्तार से चर्चा हुई, जिसमें हमले के समय, लक्ष्यों और इस्तेमाल किए जाने वाले विमानों की जानकारी शामिल थी.
ग्रुप में हो रही थी गंभीर चर्चा
रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने चैट में हमले के समय और विमानों के प्रकार जैसी महत्वपूर्ण जानकारी साझा की. हालांकि, व्हाइट हाउस ने इस घटना की गंभीरता को कमतर आंकते हुए कहा कि कोई संवेदनशील जानकारी लीक नहीं हुई है. इसके बावजूद, इस लीक ने प्रशासन की सुरक्षा प्रक्रियाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं और कांग्रेस के डेमोक्रेट सदस्यों ने इस मामले की गहन जांच की मांग की है.
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइकल वाल्ट्ज़ ने इस गलती की पूरी जिम्मेदारी लेते हुए इसे शर्मनाक बताया है. इस घटना ने प्रशासन के भीतर कम्युनिकेशन की सुरक्षा और संवेदनशील जानकारी के प्रबंधन पर गंभीर चिंताएं जाहिर की हैं.
क्या बोले ट्रंप?
इस मामले पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को कहा कि यह गंभीर चूक नहीं थी.
द अटलांटिक ने सार्वजनिक की चैट
बताते चलें कि 'द अटलांटिक' मैग्जीन के एडिटर-इन-चीफ जेफरी गोल्डबर्ग गलती से उस सिग्नल ग्रुप में जोड़ दिए गए थे. उन्होंने उन चैट के स्क्रीनशॉट जारी किए हैं. इस चैट को जारी करते हुए उन्होंने विस्तार से बताया कि अमेरिका यमन में हमलों की योजना कैसे बना रहा था. 'द अटलांटिक' ने रिपोर्ट में बताया कि जेफरी गोल्डबर्ग को यह जानकारी हमले से दो घंटे पहले मिली थी. उन्होंने यह भी जोर दिया कि यदि यह चैट गलत हाथों में चली जाती, तो अमेरिकी पायलट और भी बड़े खतरे में पड़ सकते थे.
अमेरिकी रक्षा सचिव पीट हेगसेथ जो इस ग्रुप के सबसे सक्रिय सदस्यों में से एक थे, वो यमन हमलों पर लगातार अपडेट साझा कर रहे थे. शीर्ष ट्रंप अधिकारियों ने अप्रत्यक्ष रूप से उन्हें इस लीक के लिए जिम्मेदार ठहराया है.
टॉप सीक्रेट चैट को लीक से बचाने की भी थी योजना
विडंबना यह है कि चैट में हेगसेथ ने आश्वासन दिया था कि अगर सभी लोग यमन ऑपरेशन को आगे न बढ़ाने का फैसला करते हैं, तो वह 100% OPSEC (ऑपरेशनल सिक्योरिटी) लागू करेंगे, ताकि कोई जानकारी लीक न हो. सार्वजनिक किए गए स्क्रीनशॉट के अनुसार, यह चैट 15 मार्च को रात 9:14 बजे (IST) शुरू हुई थी और चर्चा हमले के पीछे के तर्क से लेकर हवाई हमलों से संबंधित रियल-टाइम अपडेट तक फैली हुई थी.