अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने देश में प्रवासियों के प्रवेश को रोकने के लिए कांग्रेस और मध्य अमेरिकी सरकारों को कठोर कदम उठाने की चेतावनी देते हुए मंगलवार को कहा कि वह अमेरिका-मेक्सिको सीमा को बंद करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. ट्रम्प ने कहा कि सीमा पर राष्ट्रीय आपात की स्थिति बनी हुई है. उन्होंने कहा कि अगर मेक्सिको ने अपने क्षेत्र से प्रवासियों को भेजना बंद नहीं किया और अगर इस पर कांग्रेस ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया तो सीमा पूरी तरह बंद कर दी जाएगी.
ट्रम्प ने कहा, निश्चित तौर पर इसका देश की आर्थिक स्थिति पर इसका गलत प्रभाव पडे़गा. व्यापार की तुलना में मेरे लिए सुरक्षा अधिक महत्वपूर्ण है. राष्ट्रपति ने कहा कि डेमोक्रेट्स राजनीतिक कारणों से इन सुधारों में बाधा डाल रहें हैं. लेकिन वह इस मामले को 45 मिनट में खत्म कर सकते हैं. इस कदम से दोनों देशों की आर्थिक हालात खराब हो सकते हैं.
अमेरिकी राष्ट्रपति ने पिछले सप्ताह भी चेतावनी दी थी कि अगर मेक्सिको, शरणार्थियों के अवैध प्रवेश करने से नहीं रोकता है तो अमेरिकी-मेक्सिको सीमा को सील कर दिया जायेगा. ट्रम्प ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान मेक्सिको पर आरोप लगाया कि वह दक्षिण सीमा से आने वाले शरणार्थियों को नहीं रोक रहा है. उन्होंने कहा कि अगर मेक्सिको उन्हें नहीं रोकेगा तो हम इस सीमा को लंबे समय तक के लिए बंद कर देंगे. मैं कोई खेल नहीं खेल रहा हूं.
राष्ट्रपति का यह बयान एक सप्ताह पहले ट्विटर पर मेक्सिको को इस संबंध में चेतावनी देने के बाद आया है. उन्होंने ट्वीट करके कहा था कि अगर मेक्सिको दक्षिणी सीमा से आने वाले सभी शरणार्थियों को तत्काल नहीं रोकता है तो मैं अगले सप्ताह सीमा को बंद कर दूंगा या सीमा के एक बड़े हिस्से को सील कर दिया जायेगा. ट्रंप की चेतावनी के बाद मेक्सिको के विदेश सचिव मारसेलो ईब्रार्ड ने एक बयान जारी करके कहा कि मेक्सिको धमकियों से डरने वालों में नहीं है. वह धमकियों के भय से काम नहीं करता है.
ट्रंप मेक्सिको सीमा पर दीवार बनाने के वादे के साथ वर्ष 2016 में राष्ट्रपति की उम्मीदवारी के साथ चुनाव मैदान में उतरे थे. उन्होंने अपना वादा पूरा करने की दिशा में कदम भी बढ़ाया, लेकिन इसके निर्माण के लिए कांग्रेस से उन्हें अरबों डॉलर की मंजूरी नहीं मिली. इसके बाद से ही वह पिछले साल के अंत से इस सीमा को बंद करने की लगातार धमकी देते रहे हैं.
ट्रम्प ने पिछले साल लैटिन अमेरिकी देशों अल साल्वाडोर, होंडुरास और ग्वाटेमाला से 5,000-7,000 के बीच शरणार्थियों का काफिला अमेरिका की ओर बढ़ने का दावा करते हुए दक्षिण-पश्चिम सीमा पर सेना तैनात की थी. इसके बाद उन्होंने मेक्सिको की सीमा पर दीवार के निर्माण के लिए अरबों डॉलर की अपनी मांग को लेकर फरवरी में राष्ट्रीय आपातकाल की घोषणा कर दी थी. इस घोषणा के तहत उन्होंने नई दीवार के आंशिक निर्माण की शुरुआत के लिए नशा-विरोधी अभियान के तहत आवंटित धन का उपयोग करने का निर्देश दिया था.