scorecardresearch
 

अमेरिका के नए विदेश मंत्री के साथ द्विपक्षीय मीटिंग करेंगे एस जयशंकर, QUAD मंत्रियों के साथ भी चर्चा

अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर के बीच द्विपक्षीय बैठक होगी. यह बैठक उनके अंतरराष्ट्रीय आउटरीच के रूप में मानी जा रही है. इस बैठक के जरिए अमेरिका और भारत के द्विपक्षीय संबंधों के नए आयामों की उम्मीद की जा रही है.

Advertisement
X
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (फाइल फोटो)
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (फाइल फोटो)

अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो और भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर के बीच मंगलवार को द्विपक्षीय बैठक होगी. उन्होंने अपनी पहली द्विपक्षीय मीटिंग के लिए भारत को चुना है, जो कि एक अहम कदम माना जा रहा है. विदेश मंत्री जयशकंर डोनाल्ड ट्रंप के शपथग्रहण समारोह के लिए भारत के प्रतिनिधि के तौर पर अमेरिका गए थे. इस दौरान क्वाड समूह के मंत्री स्तर की बैठक भी शेड्यूल है, जिसे लेकर वह अमेरिका के नए विदेश मंत्री के साथ बैठक करेंगे. क्वाड समिट 2025 का आयोजन भारत करेगा, जिसमें खुद ट्रंप के शिरकत करने की उम्मीद है.

Advertisement

डोनाल्ड ट्रंप ने 20 जनवरी को अमेरिका के राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली है, और उन्होंने मार्को रुबियो को अपने एडमिनिस्ट्रेशन में विदेश मंत्री बनाया है. नए शासन के तहत अमेरिकी स्टेट डिपार्टमेंट ने अपने विदेश नीति का भी ऐलान किया, और विदेश सचिव रुबियो की मीटिंग विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ तय की. उनकी मीटिंग उसी बिल्डिंग में होगी, जहां पहले क्वाड मंत्रियों की बैठक शेड्यूल है.

यह भी पढ़ें: 'शांति' के लिए 'युद्ध' की बात... क्या ट्रंप के पास नहीं है रूस-यूक्रेन जंग रुकवाने का कोई पुख्ता प्लान?

नए विदेश सचिव की पहली द्विपक्षीय बैठक भारत के साथ

क्वाड एक अनौपचारिक समूह है जिसमें अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल है. रूबियो ने अपनी पहली द्विपक्षीय बैठक के लिए भारत का चयन करके एक अहम संकेत दिया है.

Advertisement

अमेरिका के नए प्रशासन की पहली विदेश नीति अक्सर उसके पड़ोसी देशों कनाडा और मैक्सिको, या नाटो सहयोगियों के साथ होती है, लेकिन इस बार, क्वाड मंत्रियों के साथ बैठक करने के बाद भारत के विदेश मंत्री के साथ द्विपक्षीय बैठक करना अहम कदम माना जा रहा है.

यह भी पढ़ें: नए राष्ट्रपति ट्रंप के किन फैसलों से अमेरिका बनेगा 'ग्रेट'? वॉशिंगटन DC से देखें खास कवरेज

भारत के समर्थक रहे हैं मार्को रुबियो

विदेश सचिव रूबियो, जो पहले फ्लोरिडा के अमेरिकी सीनेटर थे, उन्हें सर्वसम्मति से 99-0 वोट से अमेरिकी सीनेट द्वारा विदेश मंत्री के रूप में नामित किया गया है. चीन के खिलाफ उनकी नीतियां सख्त हो सकती हैं, और चीन उनपर 2020 में दो बार प्रतिबंध लगा चुका है. वे अमेरिकी इतिहास में पहले लातिनो विदेश मंत्री बने हैं. उन्होंने सदन में एक बार एक बिल भी पेश किया था जिसका मकसद भारत को जापान, इजरायल, कोरिया और नाटो सहयोगियों के समान दर्जा देना था.

Live TV

Advertisement
Advertisement