हाल ही में अफगानिस्तान-पाकिस्तान बॉर्डर इलाके में ड्रोन हमले की खबरों से अमेरिका ने किनारा किया है. अमेरिकी एजेंसी पेंटागन का कहना है कि हमारी तरफ से इस तरह का कोई ऑपरेशन नहीं किया गया है. पेंटागन के लेफ्टिनेंट जनरल केनेथ ने कहा कि भविष्य में भी इस प्रकार के ऑपरेशन की कोई उम्मीद नहीं है.
हालांकि, अमेरिका का कहना है कि उस क्षेत्र की परिस्थितियों के हिसाब से पाकिस्तान हमारी रणनीति का अहम हिस्सा है. उन्होंने कहा कि अमेरिका की नई साउथ एशिया नीति के तहत आतंकवाद के खिलाफ लड़ने में पाकिस्तान एक अहम हिस्सा बन सकता है.
पेंटागन की प्रवक्ता डाना व्हाइट ने बताया कि पाकिस्तान आतंकवाद का शिकार रहा है, लेकिन उसने ही आतंकवाद का समर्थन भी किया है. अब उसे आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में हमारी मदद करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि भारत हमारी इस नीति में एक अहम सहयोगी है. भारत की ओर से हमें लगातार मदद भी मिल रही है. उनके मुताबिक, भारत सैन्य और अन्य सभी तरीकों से हमारी मदद कर रहा है.
अफगानिस्तान भी पाकिस्तान पर भड़का
अफगानिस्तान ने पड़ोसी देश पाकिस्तान को इस बात के सबूत दिए हैं कि हाल में कई हमलों को अंजाम देने वाले आतंकवादियों को पाकिस्तान में प्रशिक्षण दिया गया था. अफगानिस्तान ने इस बात के भी सबूत दिए कि तालिबानी नेताओं को वहां खुलेआम घूमने दिया जाता है. अफगानिस्तान के गृह मंत्री ने इस बात की जानकारी दी.
पेश किए गए सबूत
वईस अहमद बरमक ने बताया कि पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में एक दिन पहले हुई बैठक में साक्ष्य पेश किए गए. अफगानिस्तान खुफिया विभाग के प्रमुख मासूम स्टानेकजई ने भी बैठक में हिस्सा लिया. इसमें पाकिस्तान के वरिष्ठ सैन्य अधिकारी और खुफिया अधिकारी भी मौजूद थे.
पाकिस्तान पर तीखा हमला बोलते हुए अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वर्ष 2018 के अपने पहले ट्वीट में पाकिस्तान पर झूठ बोलने और धोखा देने तथा आतंकवादियों को पनाह देते हुए अमेरिकी नेताओं को मूर्ख बनाने का आरोप लगाया था.