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लादेन के खात्मे के बाद जब ओबामा ने किया PAK को फोन, तब क्या बोले राष्ट्रपति जरदारी

व्हाइट हाउस से लंबे समय तक जुड़े रहने वाले रोड्स ने अपनी किताब में लिखा है, 'जरदारी को पता था कि अमेरिका द्वारा पाकिस्तान की संप्रभुता का उल्लंघन करने पर उन्हें देश में कड़ी प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ेगा.'

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बराक ओबामा (फाइल फोटो)
बराक ओबामा (फाइल फोटो)

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तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने जब अपने पाकिस्तानी समकक्ष आसिफ अली जरदारी को सूचित किया कि अमेरिकी सुरक्षा बलों ने ऐबटाबाद में छिपे आतंकी ओसामा-बिन लादेन को मार गिराया है तो उन्होंने ओबामा से कहा कि यह 'अच्छी खबर' है.

राष्ट्रपति ओबामा के करीबी सहयोगी रहे बेन रोड्स ने अपनी नई किताब में उस घटना का जिक्र किया है. अमेरिकी बलों ने 2 मई 2011 को पाकिस्तानी सीमा में घुसकर अल कायदा के खूंखार आतंकी लादेन को मार गिराया था.

किताब के मुताबिक, जब अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस बारे में जानकारी देने के लिए जरदारी को फोन किया तो 'उन्होंने (जरदारी ने) ओबामा से कहा कि यह बहुत अच्छी खबर है. इसमें लंबा वक्त लगा. अल्लाह आपके और अमेरिकी लोगों के साथ है.'

बेनजीर की हत्या के बाद उभरे जरदारी

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जरदारी की पत्नी और पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की आतंकियों ने 27 दिसंबर 2007 को एक जनसभा के दौरान हत्या कर दी थी, उनकी हत्या के बाद वह पाक की राजनीति में मुख्य भूमिका में आ गए और राष्ट्रपति बने.

व्हाइट हाउस से लंबे समय तक जुड़े रहने वाले रोड्स ने अपनी किताब 'द वर्ल्ड एज इट इज: ए मेमोइर ऑफ द ओबामा व्हाइट हाउस' में लिखा है, 'जरदारी को पता था कि अमेरिका द्वारा पाकिस्तान की संप्रभुता का उल्लंघन करने पर उन्हें देश में कड़ी प्रतिक्रिया का सामना करना पड़ेगा.' यह किताब इसी हफ्ते बाजार में आई है.

रोड्स ने दोनों राष्ट्रपतियों के बीच बातचीत के हवाले से कहा, 'लेकिन वह (जरदारी) परेशान नहीं थे.' जरदारी और अमेरिकी राष्ट्रपति की यह बातचीत ओबामा द्वारा राष्ट्र को संबोधित करने से पहले हुई थी, जिसमें उन्होंने अपने देशवासियों को आतंकी ओसामा बिन लादेन के मारे जाने की जानकारी दी थी.

उपराष्ट्रपति नहीं चाहते थे ऐसा

ओबामा के 8 साल के शासनकाल के दौरान रोड्स उनके बेहद करीब रहे रोड्स ने दावा किया कि अपने चुनावी अभियान के दौरान भी वह इस बात पर सहमत थे कि आतंकी ओसामा बिन लादेन पर कार्रवाई करने के लिए वह सीमापार भी जा सकते हैं.

उन्होंने किताब के जरिए बताया कि जब राष्ट्रीय सुरक्षा टीम ओसामा को मारने के लिए पाकिस्तानी क्षेत्र में प्रवेश करने पर बहस कर रही थी तब उपराष्ट्रपति जो बिडेन ऐसा करने को लेकर अनिच्छुक थे.

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उन्होंने लिखा कि वह जानते थे कि ओबामा ऐसा करने जा रहे थे. वह अपने अगले कदम की तैयारी में जुटे थे, वह उस समय सबकी सुन रहे थे लेकिन उनके दिमाग में कुछ और चल रहा था.

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