सीरिया में इस्लामी स्टेट के आतंकियों के खिलाफ जंग में पांच अरब देश भी हिस्सा लेने और अमेरिकी फौज के साथ मिलकर हवाई हमले करने को तैयार हो गए हैं. राष्ट्रपति बराक ओबामा की विदेश नीति के
लिहाज से इसे बड़ी जीत माना जा रहा है. संयुक्त राष्ट्र संघ के अधिवेशन से पहले अमेरिका ने यह ऐलान किया.
अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि बहरीन, कतर, सऊदी अरब, जॉर्डन और यूएई ने ISIS आतंकियों के खिलाफ जंग में अमेरिकी सेना का साथ देने का फैसला किया है.
अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा है कि ISIS आतंकियों के खिलाफ संघर्ष में अंतरराष्ट्रीय समुदाय एकजुट है. ओबामा ने राष्ट्र के नाम अपने साप्ताहिक संबोधन में कहा कि ISIS के खिलाफ यह सिर्फ अमेरिका की लड़ाई नहीं है. उन्होंने कहा, 'मैं इराक या सीरिया में अपने सैनिकों के एक और जमीनी युद्ध लड़ने के बारे में कोई वादा नहीं करूंगा. मध्य-पूर्व में सैनिकों की जमीनी लड़ाई के बिना हम अपने सहयोगियों के साथ मिलकर आईएसआईएस को तबाह कर सकते हैं'.
गौरतलब है कि ISIS ने सीरिया और इराक के कई हिस्सों पर नियंत्रण स्थापित कर लिया है, वहीं सरेआम नरसंहार और बर्बर कृत्य कर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई चुनौती पेश कर दी है. अरब देशों का साथ मिलने से ISIS के खिलाफ अमेरिका की लड़ाई को मजबूती मिली है.