अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उत्तर कोरिया को आतंकवाद का समर्थन (स्पॉन्सर ऑफ टेररिज्म) करने वाले देशों की सूची में दोबारा शामिल करने की घोषणा की. ट्रंप के इस ऐलान के बाद अमेरिका के विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने कहा कि उत्तर कोरिया को आतंकवाद को समर्थन देने वाले राष्ट्रों की सूची में डालना उत्तर कोरिया पर दबाव बनाने की रणनीति का हिस्सा है.
उन्होंने कहा कि अमेरिका का लक्ष्य उत्तर कोरिया के हालिया कदमों के लिए उसकी जवाबदेही तय करना है. साथ ही उन्होंने कहा कि उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम पर लगे प्रतिबंधों का असर किम जोंग-उन के शासन पर पड़ रहा है.
उत्तर कोरिया पर पड़ रहा असर
ट्रंप के इस ऐलान के बाद अमेरिका के विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने कहा कि उत्तर कोरिया के परमाणु कार्यक्रम पर लगे प्रतिबंधों का असर किम जोंग उन के शासन पर पड़ रहा है, लेकिन इसके बावजूद अमेरिका लंबे समय से चले आ रहे इस संकट से निपटने के लिए कूटनीतिक समाधान की उम्मीद कर रहा है.
दबाव बनाने का तरीका
व्हाइट हाउस में टिलरसन कहा, 'हमें अब भी कूटनीति समाधान की उम्मीद है. यह सब उत्तर कोरिया पर दबाव बनाने का तरीका है. उल्लेखनीय है कि इन उपायों का उत्तर कोरिया पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता दिख रहा है.'बता दें कि ट्रंप ने व्हाइट हाउस में अपने कैबिनेट के साथ एक सार्वजनिक बैठक के दौरान सोमवार को इसकी घोषणा की. साथ ही कहा कि ट्रेजरी विभाग मंगलवार को उत्तरी कोरिया के खिलाफ नए प्रतिबंधों की घोषणा करेगा. तत्कालीन राष्ट्रपति जार्ज बुश ने 2008 में उत्तर कोरिया का नाम इस लिस्ट से हटा दिया था.
आतंकवाद का स्पॉन्सर उत्तर कोरिया
ट्रंप ने कहा संयुक्त राज्य अमेरिका उत्तर कोरिया को आतंकवाद प्रायोजक के रूप में नामित कर रहा है, जो कि बहुत पहले ही हो जाना होना चाहिए था. साथ ही उन्होंने इस कदम के बाद उत्तर कोरिया के ऊपर बड़े पैमाने पर अतिरिक्त प्रतिबंध लगाए जाएंगे जिनका ऐलान मंगलवार को किया जाएगा.
शिंजो आबे ने किया ट्रंप का समर्थन
जापानी पीएम शिंजो आबे ने ट्रंप के इस फैसले का स्वागत किया है. आबे ने कहा, "हम उत्तर कोरिया को आतंकवाद के समर्थन की लिस्ट में दोबारा शामिल करने पर अमेरिकी निर्णय का स्वागत करते हैं. ट्रंप के फैसले का समर्थन करते हैं.