अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में इस बार भारतीय मूल के वोटरों की अहमियत काफी हद तक बढ़ गई है. कमला हैरिस के पहली अश्वेत और भारतीय-अमेरिकी महिला के तौर पर उप-राष्ट्रपति पद की दावेदार बनने का इतिहास रचने के बाद एक और भारतीय ने अपनी अहम उपस्थिति दर्ज कराई है. रिपब्लिकन नेशनल कन्वेंशन (RNC) की शुरुआत के मौके पर संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की पूर्व राजदूत और भारतीय-अमेरिकी स्टार निकी हेली ने मंच संभाला और अमेरिकियों से डोनाल्ड ट्रंप को फिर से एक मौका देने का आह्वान किया.
सोमवार की रात हेली ने डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बिडेन के अभियान की योजनाओं के बारे में बताते हुए उन्हें भविष्य का वामपंथी करार दिया. साथ ही उन्होंने ट्रंप को नस्लवादी बताने वाले आलोचकों को भी जबाव दिया.
निकी हेली ने कहा कि अमेरिका एक नस्लवादी देश नहीं है, मैं भारतीय प्रवासियों की बेटी हूं और मुझे इस पर गर्व है. मेरे माता-पिता ने कभी घृणा नहीं झेली. मैं अश्वेत और श्वेत दुनिया में एक भारतीय लड़की थी, अमेरिका एक कहानी है जिसका काम प्रगति पर चलना है.
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— Nikki Haley (@NikkiHaley) August 25, 2020
कन्वेंशन में रिपब्लिकंस ने कहा कि यदि ट्रंप नहीं जीतते हैं तो यह अमेरिका के भविष्य के लिए ठीक नहीं होगा. इस मौके पर ट्रंप को धार्मिक स्वतंत्रता का रक्षक कहा गया. निकी हेली के अलावा RNC में एकमात्र रिपब्लिकन सीनेटर टिम स्कॉट ने भी अपनी बात रखी. इस मौके पर पार्टी के सम्मेलन में अमेरिकी राजनीति में भारतीय-अमेरिकियों के लगातार बढ़ने की बात भी कही गई.
बता दें कि हेली अमेरिकी कैबिनेट में सेवा देने वाली पहली भारतीय-अमेरिकी थीं. वे 2010 में साउथ कैरोलाइना की गवर्नर चुनी जाने वाली पहली महिला और गैर-श्वेत भी थीं. ऐसी अटकलें भी आईं कि 2024 के राष्ट्रपति चुनाव के लिए वे दौड़ में शामिल हो सकती हैं.
इस महीने की शुरुआत में किए गए एक सर्वेक्षण में पाया गया कि वह 2024 के चुनाव के लिए 11 प्रतिशत समर्थन के साथ रिपब्लिकन पार्टी की तीसरी सबसे पसंदीदा उम्मीदवार रहेंगी. वहीं पहले स्थान पर उपराष्ट्रपति माइक पेंस और दूसरे स्थान पर राष्ट्रपति के बेटे डोनाल्ड ट्रंप जूनियर होंगे.