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1814 के बाद US संसद पर हमले की ये पहली घटना, तब ब्रिटेन ने हमला कर इस इमारत को जला दिया था

गुरुवार को वाशिंगटन में जिस तरह कैपिटल हिल पर कब्जे की कोशिश की गई, डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों ने अमेरिकी संसद में घुसपैठ की और कब्जे की कोशिश की. करीब ऐसा ही एक हमला कभी इस बिल्डिंग पर अंग्रेजों ने किया था, तब ब्रिटिश घुसपैठियों ने वाशिंगटन को जला दिया था.

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कैपिटल हिल में ट्रंप समर्थकों का बवाल (रॉयटर्स)
कैपिटल हिल में ट्रंप समर्थकों का बवाल (रॉयटर्स)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • अमेरिका के वाशिंगटन में जमकर बवाल
  • ट्रंप समर्थकों ने संसद पर कब्जे की कोशिश की

अमेरिका में करीब 200 साल के बाद इतिहास ने खुद को दोहराया है. गुरुवार को वाशिंगटन में जिस तरह कैपिटल हिल पर कब्जे की कोशिश की गई, डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों ने अमेरिकी संसद में घुसपैठ की और कब्जे की कोशिश की. करीब ऐसा ही एक हमला कभी इस बिल्डिंग पर अंग्रेजों ने किया था, तब ब्रिटिश घुसपैठियों ने वाशिंगटन को जला दिया था और अमेरिकी संसद को तबाह करने की कोशिश की थी. 

आखिर कब ब्रिटेन ने किया था हमला?
अमेरिका भी शुरुआत में ब्रिटेन के अधीन ही था, लेकिन आजादी के बाद जब अमेरिका अपने पैरों पर खड़े होने की कोशिश कर रहा था. तब 1812 में ब्रिटेन के साथ एक युद्ध हुआ, जिसमें ब्रिटेन ने अपनी ताकत का अहसास कराया. जब ये पूरा बवाल चल रहा था, तभी 1814 में एक मौका ऐसा आया था जब ब्रिटिश घुसपैठियों ने वाशिंगटन में बवाल काटा. और अमेरिकी संसद पर कब्जा करने की कोशिश की था.

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1814 में 24 अगस्त को ब्रिटिश घुसपैठियों ने वाशिंगटन का रुख किया था. जब इस जगह वो आए तो सबसे पहले सभी की नजर कैपिटल हिल की इस बिल्डिंग पर गई, जो तबकी सबसे शानदार बिल्डिंगों में से एक थी. तब ब्रिटिश घुसपैठियों ने अमेरिकी संसद में मौजूद फर्निचर में सबसे पहले आग लगाई थी, जिसके बाद पूरी बिल्डिंग में आग फैल गई थी. 

कैपिटल हिल को आग के हवाले करने के बाद ब्रिटेन के हमलावरों ने व्हाइट हाउस का रुख किया था और राष्ट्रपति के दफ्तर पर हमला बोला था. 18 जून 1812 को शुरू हुई ब्रिटेन और अमेरिका के बीच की जंग करीब तीन साल तक चली और 1815 में जाकर खत्म हुई. जब कोई नतीजा नहीं निकल सका, तो दोनों पक्षों ने एक संधि के जरिए युद्ध समाप्ति का ऐलान किया था.

डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों ने अब काटा बवाल
अब करीब दो सौ साल के बाद एक बार फिर अमेरिकी संसद हमले का शिकार हुई है. लेकिन इस बार किसी बाहरी घुसपैठिए नहीं बल्कि अमेरिकी लोगों ने ही ये हमला किया.

चुनाव में हार से परेशान और धोखेबाजी का आरोप लगाने वाले डोनाल्ड ट्रंप के समर्थकों ने कैपिटल हिल का घेराव किया, अमेरिकी संसद में हमला किया. गुरुवार को भी अमेरिकी संसद में गोलीबारी की गई, तोड़फोड़ की गई और कई दफ्तरों पर कब्जा किया गया. इस हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई है, जबकि वाशिंगटन में पब्लिक इमरजेंसी का ऐलान कर दिया गया है. 

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