जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के मसले पर अमेरिका ने पाकिस्तान को तगड़ा झटका दिया है. अमेरिका ने साफ किया है कि कश्मीर पर उनकी नीति में कोई बदलाव नहीं आया है.
पाकिस्तान उम्मीद कर रहा था कि कश्मीर मुद्दे पर अमेरिका उसका साथ देगा. खासकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के हालिया अमेरिकी दौरे के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता वाले बयान के बाद.
वहीं भारत सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू एवं कश्मीर को दिए गए विशेष राज्य के दर्जे को वापस लिए जाने के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए अमेरिका ने दोनों देशों से 'शांति और संयम' बरतने की अपील भी की है.
गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मीडिया के सवालों के जवाब में अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता मॉर्गन ऑर्टेगस ने साफ किया कि कश्मीर को लेकर ट्रंप प्रशासन की नीति में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है. ऑर्टेगस ने कहा, "अगर ऐसा होता भी तो मैं निश्चित रूप से यहां इसकी घोषणा नहीं करती, लेकिन नहीं, ऐसा नहीं है."
उन्होंने आगे कहा, "जाहिर तौर पर यह एक ऐसी बात है, जिस पर हम सभी बराबर नजर बनाए हुए हैं. हम सभी पक्षों से 'शांति और संयम' को कायम रखने की अपील करते हैं. हम कश्मीर व सभी अन्य मुद्दों पर भारत और पाकिस्तान के बीच सीधे संवाद का समर्थन करते हैं."
वहीं एक पत्रकार ने जब विदेश विभाग की प्रवक्ता से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के एक बयान पर प्रतिक्रिया मांगी, जिसमें इमरान ने कहा था की 'भारत कश्मीर में नरसंहार करा सकता है'. इस पर मॉर्गन ऑर्टेगस ने सधी हुई प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अमेरिका सभी से आग्रह करता है कि कानून का राज बनाए रखें, मानव अधिकारों और अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन करें.
पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र से भी कश्मीर पर भारत के कदम पर हस्तक्षेप करने की मांग की थी. लेकिन संयुक्त राष्ट्र ने भी कश्मीर मुद्दे पर हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए पाकिस्तान को शिमला समझौते की याद दिलाई है और इसे एक द्विपक्षीय मुद्दा बताया है.
भारत ने जब से अनुच्छेद 370 हटाया है तब से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है और दुनिया के सामने नौटंकी कर रहा है. पकिस्तान को लग रहा है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने कश्मीर मुद्दे पर रोना रोने से वो भारत पर दबाव बना लेगा. लेकिन अब तक किसी देश ने खुलकर पाकिस्तान का साथ नहीं दिया है जबकि कई देशों ने कश्मीर पर भारत के कदम को उसका अंदरूनी मामला बताया है.