अमेरिका ने अफगान तालिबान और हक्कानी नेटवर्क जैसे आतंकी संगठनों पर कार्रवाई नहीं करने पर पाकिस्तान को एक और करारा झटका दिया है. व्हाइट हाइस के एक अधिकारी ने बताया कि अमेरिका ने आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करने में नाकाम रहने और अपनी सरजमीं से उनके पनाहगाह को नेस्तनाबूद करने में विफल रहने को लेकर पाकिस्तान को मिलने वाली दो अरब डॉलर की मदद और सैन्य उपकरणों (हथियारों) की आपूर्ति पर रोक लगा दी है.
नववर्ष पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ट्वीट के बाद पाकिस्तान को सभी सुरक्षा सहायता रोकने का यह कदम उठाया गया है. ट्रंप ने ट्वीट में आरोप लगाया था कि पाकिस्तान ने अमेरिका को झूठ और फरेब के सिवा कुछ नहीं दिया है और उसने पिछले 15 बरसों में 33 अरब डॉलर की अमेरिकी मदद के बदले में आतंकवादियों को सुरक्षित पनाहगाह मुहैया कराया है.
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पाकिस्तान को रोकी गई रकम में वित्तीय वर्ष 2016 के लिए 25.5 करोड़ डॉलर का फॉरेन मिलिट्री फंडिंग भी शामिल है. इसके अलावा रक्षा विभाग ने पाकिस्तान को 2017 के लिए 90 करोड़ डॉलर का गठबंधन सहायता कोष और पिछले वित्तीय वर्ष में खर्च नहीं किए गए अन्य धन को भी रोक दिया.
PAK के निर्णायक कार्रवाई नहीं करने तक रोकी मदद: US
अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता हीथर नॉएर्ट ने कहा कि हम पाकिस्तान को राष्ट्रीय सुरक्षा सहायता तब तक के लिए रोक रहे हैं, जब तक कि पाकिस्तान सरकार अफगान तालिबान और हक्कानी नेटवर्क सहित अन्य आतंकी संगठनों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई नहीं करती है. उन्होंने कहा कि आतंकी संगठन क्षेत्र को अस्थिर कर रहे हैं और अमेरिकी सैनिकों को भी निशाना बना रहे हैं. लिहाजा अमेरिका पाकिस्तान को सुरक्षा सहायता रोकेगा.
सैन्य उपकरण भी नहीं देगा अमेरिका
अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका कानून के अनुसार जरूरी नहीं होने पर पाकिस्तान को सैन्य उपकरण नहीं देगा और न ही सुरक्षा से जुड़े कोष देगा. वहीं, ट्रंप प्रशासन के इस कदम पर प्रतिक्रिया देते हुए पाकिस्तान ने कहा कि हम सुरक्षा सहयोग के मुद्दे पर अमेरिकी प्रशासन से बात कर रहे हैं और ब्योरे का इंतजार है.
एक अरब डॉलर से ज्यादा की सालाना मदद देते है US
अमेरिकी मदद रोके जाने पर पाकिस्तान विदेश कार्यालय ने कहा कि मामले में आने वाले समय में स्थिति स्पष्ट होगी. मालूम हो कि अमेरिका ने पाकिस्तान को सुरक्षा सहायता के तौर पर सालाना एक अरब डॉलर दिया है. आतंकी संगठन जमात-उद-दावा (जेयूडी) के सरगना हाफिज सईद को हाल ही में नजरबंदी से रिहा किया गया था.
भारत की भाषा नहीं बोल रहे हैं हम: अमेरिका
अमेरिका ने पाकिस्तान के उस आरोप को भी सिरे से खारिज कर दिया कि वह भारत की भाषा बोल रहा है. दरअसल, नववर्ष पर अमेरिकी के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ट्वीट से तिलमिलाए पाकिस्तान ने आरोप लगाया था कि अमेरिका अब भारत की भाषा बोल रहा है. गुरुवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप की हाल में उनके देश के खिलाफ की गई टिप्पणी यह दिखाती है कि वो हिंदुस्तान की भाषा बोल रहे हैं.
पाकिस्तान में खुलेआम घूम रहा मुंबई हमले का मास्टरमाइंड हाफिज
अमेरिका ने जमात-उद-दावा और फलह-ए-इंसानियत फाउंडेशन (एफआईएफ) को लश्कर-ए-तैयबा का आतंकी मुखौटा करार दिया है. लश्कर का गठन सईद ने साल 1987 में किया था और मुंबई में 2008 में हुए आतंकी हमलों के लिए भारत और अमेरिका ने उसे जिम्मेदार ठहराया है. इस हमले में 166 लोगों की मौत हो गई थी. पाकिस्तान में खुलेआम घूमने वाले हाफिज सईद पर अमेरिकी ने एक करोड़ डॉलर का इनाम भी घोषित कर रखा है.