तालिबान से बातचीत कर रहे अमेरिकी दूत इस महीने विद्रोहियों के साथ कतर में वार्ता करेंगे. अमेरिकी विदेश विभाग ने शनिवार को यह जानकारी दी. विदेश विभाग ने कहा कि तालिबान के साथ शांति वार्ता में मध्यस्थता कर रहे अमेरिकी नीतिकार जलमय खलीलजाद शुक्रवार को 17 दिनों की यात्रा पर रवाना हुए. इस दौरान वह अफगानिस्तान, पाकिस्तान, जर्मनी, बेल्जियम और संयुक्त अरब अमीरात भी जाएंगे.
खलीलजाद हाल के महीनों में तालिबान के साथ छह बार बैठक कर चुके हैं. विदेश विभाग ने कहा कि खलीजाद शांति प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए कतर की राजधानी दोहा में तालिबान के साथ बातचीत करेंगे. जहां दोनों पक्षों ने कई बार बातचीत की है. वहीं तालिबान के एक शीर्ष नेता ने शनिवार को कहा कि आतंकवादी जल्द ही संघर्ष विराम नहीं करेंगे. उधर अमेरिका के राजनयिक शांति वार्ता के नए दौर के लिए क्षेत्र के लिए रवाना हो गए हैं. सातवें दौर की बातचीत से पहले एक दुर्लभ संदेश में तालिबान के प्रमुख हैबतुल्लाह अखूंदजादा ने आने वाले समय में संघर्ष विराम नहीं होने के संकेत दिए लेकिन यह भी कहा कि आतंकी अमेरिका के साथ वार्ता करते रहेंगे.
अखूंदजादा ने ईद के मौके पर अपने संदेश में कहा कि तालिबान की लड़ाई कामयाबी के करीब है. उसने कहा, 'किसी को भी जिहादियों के संघर्ष के मोर्चों पर ठंडा पानी डालने की अपेक्षा नहीं करनी चाहिए या हमारे मकसद हासिल होने से पहले हमारी 40 साल की शहादत को नहीं भूलना चाहिए.' अखूंदजादा ने अपने पूर्ववर्ती अख्तर मंसूर की 2016 में एक अमेरिकी ड्रोन हमले में मारे जाने के बाद तालिबान का नेतृत्व संभाला. अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने इस महीने की शुरुआत में रमजान शुरू होने पर देशव्यापी संघर्ष विराम का प्रस्ताव दिया था लेकिन तालिबान ने पेशकश को ठुकरा दिया.
इससे पहले भारत भी तालिबान के साथ बातचीत की कोशिश कर चुका है. अफगानिस्तान में शांति बहाली की कोशिशों के तहत भारत और आतंकी संगठन तालिबान के साथ बातचीत की सियासी हलकों में काफी आलोचना हुई है. इस पर विदेश मंत्रालय की सफाई आई थी और मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने स्पष्ट किया कि तालिबान के साथ वार्ता 'गैर-आधिकारिक' है.