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अफगानिस्तान से संपर्क के लिए जोखिम संचार योजना विकसित करेगा अमेरिका

ट्रम्प प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी कि अमेरिका, अफगानिस्तान से संपर्क करने के लिए जोखिम संचार योजनायें विकसित करना चाहता है.

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अशरफ गनी और डोनाल्ड ट्रंप (फाइल)
अशरफ गनी और डोनाल्ड ट्रंप (फाइल)

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दुनिया का सबसे ताकतवर देश अमेरिका नए साल से ही पाकिस्तान पर एक के बाद एक प्रहार किये जा रहा है. लेकिन इस बार अमेरिका ने कुछ ऐसा कर दिया जिससे एक चीज साफ हो जाती है कि अब अमेरिका, पाकिस्तान को बिल्कुल दरकिनार करना चाहता है.

ट्रम्प प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी कि अमेरिका, अफगानिस्तान से संपर्क करने के लिए जोखिम संचार योजनायें विकसित करना चाहता है. असल में, इस समय अमेरिका अफगानिस्तान से संचार संबंधी संपर्क के लिए पाकिस्तान पर निर्भर रहना पड़ता है.

गौरतलब है कि पाकिस्तान की धरती पर सक्रिय आतंकी समूहों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई में तत्परता नहीं दिखाई थी. जिसकी वजह से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने उसे दी जाने वाली दो अरब डॉलर की सुरक्षा सहायता पर रोक लगा दी थी. ट्रम्प प्रशासन के इस फैसले से दोनों देशों के बीच संबंधों में खटास आयी है.

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ट्रम्प प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान पूर्व में जवाबी कार्रवाई के तौर पर जमीनी संचार लाइनें अवरूद्ध कर चुका है, जिसे देखते हुए अमेरिका इस स्थिति में जोखिम संचार योजनायें विकसित करना चाहता है. इससे पहले पाकिस्तानी विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने इस्लामाबाद में एक साक्षात्कार में कहा था कि सुरक्षा सहायता पर रोक लगाने के बाद पाकिस्तान अमेरिका को अब अपना सहयोगी नहीं मानता.

अधिकारी ने संवाददाताओं से कहा, "हम इन मुद्दों से निपटने के तरीके तलाश रहे हैं. हम जोखिम संचार योजनायें विकसित कर रहे हैं. हम संपर्क से जुड़े मुद्दों पर लगातार ध्यान दे रहे हैं. पूर्व में ऐसा हुआ है जब पाकिस्तान ने 2011 और 2012 में संचार की जमीनी लाइनें बंद कर दीं".

उन्होंने पाकिस्तान की तरफ से संभावित कार्रवाई की तरफ संकेत करते हुए कहा, हमें अच्छे से पता है कि वे किस तरह से जवाब दे सकते हैं और हम किसी भी जोखिम की स्थिति में अफगानिस्तान से संपर्क करने के लिए जोखिम संचार योजना विकसित कर रहे हैं.

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