अमेरिका-ईरान के बीच तनाव हर रोज बड़ा रूप लेता जा रहा है. अमेरिका ईरान के साथ बढ़ते तनाव पर कई देशों से बात कर रहा. इसी कड़ी में अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो रविवार को सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात के दौरे पर गए. पोम्पियो ने कहा कि ‘ईरान संकट’ पर बात करने के लिए वह सऊदी अरब और और यूएई जा रहे हैं. उन्होंने एक ट्वीट भी किया है जिसमें उन्होंने लिखा है कि सऊदी अरब-यूएई के साथ बात करके हम वैश्विक संगठन कैसे बनाएं यह सुनिश्चित करेंगे.
माइक पोम्पियो का ट्वीट- ‘मैं आज बाहर जा रहा हूं. हमारा पहला पड़ाव सऊदी अरब और यूएई के साम्राज्य में होगा. ईरान जिस चुनौती को पेश कर रहा है, उसके खिलाफ हमारे दो महान सहयोगी हैं. हम उनके साथ बात करेंगे और ये सुनिश्चित करेंगे कि कैसे हम सभी रणनीतिक रूप से गठबंधन कर एक वैश्विक गठबंधन बनाएं.’
I’m heading out today. Our first stops will be in the Kingdom of Saudi Arabia & the UAE, two great allies in the challenge that Iran presents, and we’ll be talking with them about how to make sure that we are all strategically aligned and how we can build out a global coalition. pic.twitter.com/txu0pA2xr4
— Secretary Pompeo (@SecPompeo) June 24, 2019
इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जून में ईरान मुद्दे पर सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान अल सऊद से फोन पर बात की थी. अमेरिका ईरान मुद्दे पर भारत समेत कई देशों से बात कर चुका है.
‘विवेक को कमजोरी न समझे ईरान’
इससे पहले अमेरिकी के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने रविवार को अपने इजरायल दौरे के दौरान ईरान को चेताया. जॉन बोल्टन ने कहा कि उस पर हमला नहीं करने का निर्णय अस्थाई है और ईरान को चाहिए कि वह विवेक को कमजोरी समझने की भूल न करें. एफे न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ जेरुसलम में एक बैठक के दौरान व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने यह बात कही.
हालांकि, अमेरिका से तनाव पर ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी कई बार कह चुके हैं कि हम किसी देश से युद्ध नहीं चाहते हैं. लेकिन फिर भी दोनों देशों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है.
अमेरिका और ईरान के बीच तनाव
दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक अप्रत्याशित फैसला लेते हुए खुद को ईरान परमाणु समझौते से अलग कर लिया था. अमेरिका के इस कदम पर ईरान ने नाराजगी जताई थी. इससे बाद ओमान की खाड़ी में दो तेल टैंकरों पर हुए हमलों के बाद खाड़ी क्षेत्र में तनाव बढ़ गया है. अमेरिका ने हमले का आरोप ईरान लगाया है, लेकिन ईरान ने इस आरोप को खारिज कर दिया.
वहीं ईरान ने एक अमेरिकी सैन्य ड्रोन को भी मार गिराया था, जिसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के खिलाफ हवाई हमले की मंजूरी तक दे दी थी. हालांकि बाद में उन्होंने अपने फैसले को बदल दिया. हालांकि ईरान ने अमेरिका के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया.