अमेरिका की न्यू जर्सी स्थित निर्माण प्रबंधन कंपनी पर भारत में गोवा और गुवाहटी में जल विकास से जुड़ी दो प्रमुख परियोजनाएं हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को करोड़ों रुपये रिश्वत देने का आरोप लगा है.
लुईस बर्जर द्वारा गोवा की एक परियोजना के लिए 9,76,000 डॉलर (लगभग 6.2 करोड़ रुपये) की रिश्वत की बात सामने आई है जिसमें एक मंत्री भी शामिल है, हालांकि विधि विभाग ने इसका अधिक ब्यौरा नहीं दिया. कंपनी ने शुक्रवार को ही भारत, इंडोनेशिया, वियतनाम और कुवैत में सरकारी निर्माण प्रबंधन ठेके लेने के लिए अधिकारियों को रिश्वत देने के आरोपों को निपटाने के लिए 1.71 करोड़ डॉलर का जुर्माना चुकाने पर सहमति जताई है.
दो अधिकारी दोषी करार, 5 नवंबर को सजा
मामले में कंपनी के दो पूर्व कार्यकारियों -फिलीपीन के रिचर्ड हिर्ष (61) और यूएई के जेम्स मैक्लंग (59) को रिश्वत के आरोपों में दोषी ठहराया गया. मामले में सजा अब 5 नवंबर 2015 को सुनाई जाएगी. भारत सरकार ने जापान सरकार के सहयोग से गोवा में पांच साल के जलापूर्ति और मल निकासी परियोजना के विस्तार का काम शुरू किया था.
लुईस बर्जर गोवा की इस परियोजना के कंसोर्सियम का हिस्सा थी. कंसोर्सियम में दो जापानी और एक भारतीय कंपनी भी शामिल थी. लुईस बर्जर के भारत में गुड़गांव, मुंबई, चेन्नई और हैदराबाद में कार्यालय हैं और यह भारत में 1998 से कार्यरत है. संघीय अधिवक्ता का आरोप है कि कंपनी ने कई समूह भागीदारों के साथ गोवा और गुवाहटी में दो जल विकास परियोजनाएं हासिल की. इन दोनों कॉन्ट्रैक्ट को हासिल करने के लिए कंपनी ने रिश्वत दी.
- इनपुट भाषा