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अमेरिकी संसद में इस्लाम पर लाया गया प्रस्ताव, कुरान को लेकर क्या कहा गया?

स्वीडन और डेनमार्क में कुरान जलाने की घटनाओं के बीच अमेरिकी संसद में एक प्रस्ताव पेश किया गया है. प्रस्ताव को सांसद अल ग्रीन ने पेश किया जिसे इल्हान उमर, रशीदा तलीब और आंद्रे कार्सन जैसे सांसदों ने अपना समर्थन दिया.

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अमेरिकी कांग्रेस में इस्लाम को लेकर एक प्रस्ताव पारित हुआ है (Photo- AFP)
अमेरिकी कांग्रेस में इस्लाम को लेकर एक प्रस्ताव पारित हुआ है (Photo- AFP)

अमेरिकी संसद कांग्रेस ने इस्लाम को एक 'प्रमुख धर्म' के रूप में मान्यता दिए जाने का आह्वान किया है. इसके लिए अमेरिकी संसद में एक प्रस्ताव पेश किया गया है कि जिसमें कहा गया है कि इस्लाम शांति और सद्भाव को बढ़ावा देने वाला धर्म है जिसे एक प्रमुख धर्म के रूप में मान्यता दी जानी चाहिए.

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अमेरिकी संसद में प्रस्ताव टेक्सास के सांसद अल ग्रीन ने पेश किया. इस प्रस्ताव को इल्हान उमर, रशीदा तलीब और आंद्रे कार्सन जैसे सांसदों ने अपना समर्थन दिया. प्रस्ताव ऐसे वक्त में आया है जब स्वीडन और डेनमार्क जैसे यूरोपीय देशों में इस्लाम की पवित्र किताब कुरान को जलाने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं. सांसदों की तरफ से यह प्रस्ताव इस तरह के कृत्यों को रोकने के उद्देश्य से लाया गया है.

टेक्सास के सांसद ग्रीन कांग्रेसनल पाकिस्तान कॉकस के भी सदस्य हैं. उन्होंने मुस्लिम देशों से प्रवासियों के आने पर प्रतिबंध लगाने के तत्कालीन राष्ट्रपति ट्रम्प के आदेश और इस्लाम को एक कट्टरपंथी धर्म के रूप में ब्रांड करने के 2015 के कदम का विरोध किया था.

 इस्लाम पर प्रस्ताव का उद्देस्य क्या?

सदन में पहली बार प्रस्ताव 28 जुलाई को पेश किया गया जिसका उद्देश्य अमेरिका के लोगों के भीतर इस्लाम धर्म के लिए बेहतर समझ और सम्मान को बढ़ावा देना है. सदन ने प्रस्ताव को विदेश मामलों की सदन समिति को भेज दिया था.

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प्रस्ताव में इस्लाम के बुनियादी सिद्धांतों और मुस्लिमों की प्रथाओं, परंपराओं का जिक्र है जिसमें बताया गया है कि इस्लाम शब्द का अर्थ 'ईश्वर की इच्छा के प्रति समर्पण और 'शांति' है.

प्रस्ताव में कुरान को इस्लाम के प्राथमिक धर्मग्रंथ के रूप में मान्यता दी गई गई है. कहा गया है कि मुसलमान मानते हैं कि इस किताब के जरिए अल्लाह ने उन्हें जीवन जीने का तरीका बताया है.

प्रस्ताव में यह भी कहा गया कि इस्लाम दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा और सबसे तेजी से बढ़ने वाला धर्म है. दुनिया भर में लगभग दो अरब मुसलमान हैं जबकि अमेरिका में भी 3,500,000 मुसलमान रहते हैं.

क्या है स्वीडन और डेनमार्क में कुरान जलाने का मामला?

स्वीडन में पिछले कुछ महीनों में ही कुरान जलाने की बहुत की घटनाएं सामने आई हैं. जून के महीने में सलवान मोमिका नामक एक इराकी शरणार्थी ने एक अन्य शख्स के साथ मिलकर मुसलमानों के पवित्र पर्व बकरीद के मौके पर स्टॉकहोम सेंट्रल मस्जिद के बाहर कुरान की एक प्रति को आग के हवाले कर दिया था.

इसे लेकर पूरी मुस्लिम दुनिया बौखला गई थी. कई इस्लामिक देशों ने स्वीडन से अपने राजनयिकों को वापस बुला लिया था. इसके बाद जुलाई के महीने में सलवान ने स्वीडन में इराकी दूतावास के बाहर कुरान को अपने पैरों से कुचला था और इराकी झंडे से अपने जूते साफ किए थे.

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इसके विरोध में इराक की राजधानी बगदाद में विरोध-प्रदर्शन हुए. प्रदर्शनकारियों ने स्वीडन के दूतावास में तोड़फोड़ की और उसके परिसर में आग लगा दी थी. कुरान जलाने के विरोध में इराक ने स्वीडन के राजदूत को वापस भेज दिया था और अपने राजनयिक को भी वापस बुला लिया था.

सोमवार को फिर जली कुरान

इस्लामिक देशों के बार-बार विरोध के बावजूद भी इस सोमवार को स्वीडन में कुरान को आग के हवाले किया गया. इस बार यह कुरान राजधानी स्टॉकहोम में स्वीडन की संसद के सामने जलाई गई.

कुरान जलाने की घटनाओं के विरोध में सोमवार को ही इस्लामिक देशों के सबसे बड़े संगठन इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) ने एक आपात बैठक बुलाई जिसमें सऊदी अरब के विदेश मंत्री फैसल बिन फरहान ने कुरान जलाने की घटनाओं पर स्वीडन और डेनमार्क की प्रतिक्रिया पर निराशा जाहिर की थी. 

कुछ दिनों पहले डेनमार्क से भी कुरान जलाने का एक वीडियो सामने आया था. धुर-दक्षिणपंथी समूह डांस्के पैट्रियटर ने पिछले हफ्ते एक वीडियो जारी किया था जिसमें एक व्यक्ति कुरान को जलाता दिखा था. वो इराक के झंडे को भी पैरों से रौंदता दिखा था. 

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