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तालिबान की मदद लेकर IS-खुरासान पर एयरस्ट्राइक जारी रखेगा अमेरिका, खात्मे का बनाया ये प्लान

अमेरिकी सेना के अफसर का कहना है कि आने वाले दिनों में जरूरत पड़ने पर अमेरिका आतंकियों के खिलाफ एयरस्ट्राइक कर सकता है. खास बात ये है कि अफसर के मुताबिक अमेरिका इस काम के लिए तालिबान का साथ ले सकता है. 

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तालिबान के कब्जे में अफगानिस्तान (फाइल फोटो: PTI)
तालिबान के कब्जे में अफगानिस्तान (फाइल फोटो: PTI)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • अफगानिस्तान में एयरस्ट्राइक जारी रखेगा अमेरिका
  • तालिबान की मदद से आतंकियों को मारेंगे: US

अमेरिका (America) ने भले ही अफगानिस्तान (Afghanistan) छोड़ दिया हो, लेकिन वह अभी भी यहां पर आतंकियों के खिलाफ अपना एक्शन जारी रखेगा. अमेरिकी सेना के अफसर का कहना है कि आने वाले दिनों में जरूरत पड़ने पर अमेरिका आतंकियों के खिलाफ एयरस्ट्राइक कर सकता है. खास बात ये है कि अफसर के मुताबिक अमेरिका इस काम के लिए तालिबान का साथ ले सकता है. 

अमेरिकी सेना के जनरल मार्क मिली के मुताबिक, अफगानितान में मौजूद इस्लामिक आतंकियों के खिलाफ अमेरिका एयरस्ट्राइक कर सकता है, भविष्य में तालिबान (Taliban) के साथ सहयोग बनाकर भी ऐसा किया जा सकता है. 

मार्क मिली ने कहा कि तालिबान एक क्रूर संगठन है, वह अभी भी दशकों पुराने जैसा ही है. हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि अफगानिस्तान में तालिबान का भविष्य क्या होगा, इसका अभी से अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है. आने वाले कुछ वक्त तक अफगानिस्तान और तालिबान पर नज़र रखनी होगी. 

अमेरिकी सेना के अफसर के मुताबिक, हाल ही में जब अमेरिका ने लाखों लोगों को रेस्क्यू किया है, इस दौर में अमेरिका और तालिबान के बीच प्रोफेशनल संबंध रहे. क्योंकि तालिबान ने अमेरिकी नागरिकों के लिए एयरपोर्ट तक का सेफ पेसेज तैयार किया. 

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बता दें कि अमेरिका ने अफगानिस्तान छोड़ने से पहले भी ISIS-K के खिलाफ एयरस्ट्राइक की थी. ISIS-K ने काबुल एयरपोर्ट पर हमला किया था, जिसमें 13 अमेरिकी सैनिकों की मौत हुई थी. 

20 साल बाद अमेरिका निकला बाहर, तालिबान का हुआ कब्जा

गौरतलब है कि 30 अगस्त को अमेरिका ने अफगानिस्तान को पूरी तरह से छोड़ दिया. करीब 20 साल के बाद अमेरिकी सेना ने अफगानिस्तान की धरती को छोड़ा है, तालिबान ने इसे अपनी बड़ी जीत घोषित किया है. अमेरिकी सेना की वापसी के बाद तालिबान ने जश्न मनाया और अपनी सरकार बनाने की तैयारियां शुरू कर दीं. 

अमेरिका ने जब अपने सैनिकों को अफगानिस्तान से निकालना शुरू किया, उसके बाद ही तालिबान ने पूरे मुल्क पर कब्जा जमाना शुरू कर दिया था. देखते ही देखते एक महीने में पूरे अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा हो गया. अब तालिबान अपनी सरकार बनाने जा रहा है. अमेरिका ने अपने इस फैसले का बचाव किया है और जो बाइडेन का कहना है कि उन्हें इस जंग को खत्म करना ही था. 

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