यूएन में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ बुधवार को भाषण देंगे. निश्चय ही वह इस दौरान कश्मीर का पुराना राग अलापेंगे, लेकिन इससे ठीक पहले अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने बिना नाम लिए पाकिस्तान पर निशाना साधा है. संयुक्त राष्ट्र के आखिरी भाषण में ओबामा ने कहा है कि देश छिपकर वार करने से बाज आएं, वरना आतंकवाद उन्हें भस्म कर देगा.
ओबामा ने कहा कि चरपमंथी और सांप्रदायिक हिंसा से पश्चिम एशिया अस्थिर हो रहा है. लेकिन पाकिस्तान के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, यूएन में आज अपने भाषण में नवाज शरीफ आक्रामक रुख ले सकते हैं. कश्मीर के मुद्दे पर भारत को घेरने की कोशिश करेंगे. इतना ही नहीं नवाज 'पाकिस्तान की धरती पर भारत के हस्तक्षेप' के लिए नए सबूत भी पेश कर सकते हैं.
पाक को टेररिस्ट स्टेट घोषित करने के लिए बिल
उधर एक और घटनाक्रम में, अमेरिकी कांग्रेस में एक ऐसा बिल लाया गया है जिसके तहत पाकिस्तान को टेररिस्ट स्टेट का दर्जा दिया जा सकता है. कांग्रेस के दो सदस्यों ने इस बिल को पेश किया है. इस बिल का मकसद ये देखना है कि क्या पाकिस्तान की सरकार आतंकवाद का समर्थन करती है. अमेरिकी राष्ट्रपति भी 90 दिनों में एक रिपोर्ट पेश करेंगे जिसमें अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान के रवैये की जानकारी होगी.
नहीं रोका गया तो बढ़ेगा आतंकवाद-ओबामा
ओबामा ने कहा कि हमने आतंकवादियों के पनाहगाह मिटाए हैं. ओबामा ने परोक्ष युद्धों में शामिल राष्ट्रों को इसे खत्म करने को कहा. साथ ही, उन्हें चेतावनी दी कि अगर समुदायों को सह-अस्तित्व की इजाजत नहीं दी गई तो चरमपंथ के अंगारे उन्हें जला डालेंगे. जिससे अनगिनत लोग पीड़ित होंगे और चरमपंथ बाहरी मुल्कों में पहुंचेगा. अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में संयुक्त राष्ट्र महासभा को अपने आठवें संबोधन में ओबामा ने कहा कि हमें इस बात पर जोर देना होगा कि सभी पक्ष एक साझा मानवता को मान्यता दें और अव्यवस्था को तूल देने वाले परोक्ष युद्धों को देश खत्म करें.
अमेरिकी विदेश मंत्री ने भी की थी टिप्पणी
भारत ने पाकिस्तान पर जैश ए मोहम्मद, लश्कर ए तैयबा जैसे आतंकी संगठनों को समर्थन देकर, सशस्त्र करने और प्रशिक्षण देकर एक परोक्ष युद्ध छेड़ने का आरोप लगाया है. ये संगठन सीमा पार से भारत की सरजमीं पर हमले करते हैं. ओबामा का बयान अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी की टिप्पणी के एक दिन बाद आया है. जिसमें उन्होंने पाक प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से कहा था कि वह आतंकवादियों को अपनी सरजमीं का सुरक्षित पनाहगाह के तौर पर इस्तेमाल करने से रोकें.
गौरतलब है कि रविवार को कश्मीर के उरी में सेना के एक बटालियन मुख्यालय पर हुए आतंकी हमले में 18 सैनिक शहीद हो गए. यह हमला पाक आधारित जैश ए मोहम्मद के आतंकवादियों ने किया था.