अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने चौंकाने वाले फैसलों को लेकर हमेशा चर्चा में रहे हैं. सीरिया और अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने का आदेश देने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने एक और ऐसा कदम उठाया, जिससे पूरी दुनिया हैरान है. डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को सभी को चौंकाते हुए इराक का दौरा किया, यहां अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप अपनी पत्नी मेलानिया ट्रंप के साथ अमेरिकी बेस का जायजा लेने पहुंचे.
बता दें कि इराक भी सीरिया से सटा हुआ ही है, ऐसे में ट्रंप के दौरे ने कई नई अटकलों को जन्म दिया है. अमेरिकी राष्ट्रपति के इस दौरे के बारे में किसी को जानकारी नहीं थी. सीरिया और अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाने के फैसले पर डोनाल्ड ट्रंप की काफी आलोचना हो रही थी, यही कारण है कि अब ट्रंप ने इस कदम से अपने आलोचकों को करारा जवाब दिया है.
यहां इराक के बेस कैंप में पहुंच सैनिकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि उनकी नीति अमेरिका फर्स्ट की है, यही कारण है कि उन्होंने ऐसे फैसले लिए हैं. अमेरिका का ये बेस कैंप इराक की राजधानी बगदाद से सिर्फ 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. उन्होंने कहा कि अब हम सिर्फ सहने वाले देश नहीं रहेंगे.
.@FLOTUS Melania and I were honored to visit our incredible troops at Al Asad Air Base in Iraq. GOD BLESS THE U.S.A.! pic.twitter.com/rDlhITDvm1
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) December 26, 2018
ट्रंप द्वारा सीरिया और अफगानिस्तान से सेना वापस बुलाने के बाद से ही विरोधी उनके खिलाफ हैं. रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस ने भी इस फैसले से खफा होते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया, कई अन्य अधिकारियों ने भी इस्तीफा दिया था. गौरतलब है कि इराक ने 2017 में ही ISIS पर फतेह का ऐलान कर दिया था.
ट्रंप इस बेस कैंप में करीब तीन घंटे तक रहे, लेकिन उन्होंने किसी स्थानीय इराकी अधिकारी से मुलाकात नहीं की. हालांकि, इराक के प्रधानमंत्री अदेल अब्दुल मेहदी से उन्होंने फोन पर बात जरूर की.
आपको बता दें कि पिछले साल तक इराक में मौजूद अमेरिकी सैनिकों की संख्या 1 लाख के आस-पास थी, जो अब घटकर सिर्फ 5000 तक ही रह गई है.