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दूसरे विश्वयुद्ध में लापता सैनिकों की तलाश में भारत आया अमेरिकी दल

लापता लोगों की तलाश करने वाली अमेरिका की डिफेंस एजेंसी (डीपीएए) का एक दल भारत आया हुआ है. ये दल दूसरे विश्वयुद्ध के बाद लापता हुए अमेरिकी सैनिकों के अवशेषों की तलाश में भारत आए हैं. बता दें, भारत में 400 अमेरिकी वायुसेना कर्मी लापता हुए थे और ऐसा माना जाता है कि इनमें से ज्यादातर के अवशेष हिमालय में हैं.

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प्रतिकात्मक तस्वीर
प्रतिकात्मक तस्वीर

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लापता लोगों की तलाश करने वाली अमेरिका की डिफेंस एजेंसी (डीपीएए) का एक दल भारत आया हुआ है. ये दल दूसरे विश्वयुद्ध के बाद लापता हुए अमेरिकी सैनिकों के अवशेषों की तलाश में भारत आए हैं. बता दें, भारत में 400 अमेरिकी वायुसेना कर्मी लापता हुए थे और ऐसा माना जाता है कि इनमें से ज्यादातर के अवशेष हिमालय में हैं.

अमेरिकी दल का 2013 के बाद से ये पांचवां मिशन

कोलकाता में स्थित अमेरिकी महावाणिज्य दूतावास से जारी प्रेस रिलीज के मुताबिक, पिछले साल डीपीएए ने लापता हुए अमेरिकी पायलट के अवशेषों की तलाश के लिए पूर्वोत्तर भारत में 30 दिन के लिए एक टीम भेजी थी और 2013 के बाद यह भारत का उनका पांचवां मिशन है. द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान अमेरिकी विमानों ने चीनी सेना को वस्तुओं की आपूर्ति करने के लिए हिमालय के ऊपर उड़ान भरी थी. इनमें से कई विमान लापता हो गए थे और वे फिर कभी नहीं मिले। ऐसा माना जाता है कि ये हिमालय में क्रैश कर गए थे.

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2015-16 में मिले थे अवशेष

बता दें, 2015 और 2016 में डीपीएए मिशनों के दौरान कुछ अवशेष मिले थे. डीएनए जांच के जरिए इनकी पहचान करने की प्रक्रिया चल रही है. वहीं, 2015 में मिले कुछ अवशेष अमेरिकी वायुसेना के फर्स्ट लेफ्टिनेंट रॉबर्ट ई ऑक्सफोर्ड हैं, इसकी पुष्टि हो चुकी है. इस साल भी टीम पूर्वोत्तर में ऐसा ही मिशन चलाएगी और कई अलग-अलग स्थलों का सर्वेक्षण करेगी.

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