अमेरिका की मिसाइल से लैस पनडुब्बी यूएसएस मिशिगन मंगलवार को दक्षिण कोरिया पहुंच गई. मीडिया में आई खबरों के अनुसार अमेरिकी नौसेना की पनडुब्बी मंगलवार को दक्षिण कोरिया के तटवर्ती शहर बुसान पहुंच गई. गौरतलब है कि मंगलवार को उत्तर कोरिया अपनी सेना की स्थापना की 85वीं वर्षगांठ मना रहा है.
दक्षिण कोरिया में तैनात अमेरिकी नौसेना की इकाई 'यूएस नवल फोर्सेज कोरिया' की ओर से जारी बयान में अमेरिकी पनडुब्बी के दक्षिण कोरिया पहुंचने को नियमित सैन्य गतिविधि का हिस्सा बताया गया है और कहा गया है कि यह अमेरिका और दक्षिण कोरियाई नौसेनाओं के बीच संबंधों को रेखांकित करने का अवसर है. बयान में कहा गया है कि अमेरिका और दक्षिण कोरिया के बीच चल रहे संयुक्त सैन्याभ्यास में इस अमेरिकी पनडुब्बी के हिस्सा लेने की उम्मीद नहीं है,हालांकि इलाके में इसकी उपस्थिति प्योंगयांग के लिए सख्त संदेश की तरह है.
दरअसल इसी महीने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि अमेरिका कोरियाई प्रायद्वीप में जहाजी सैन्य बेड़ा भेज रहा है, जिसमें पनडुब्बियां भी शामिल होंगी.
आपको बता दें कि समाचार चैनल 'फॉक्स न्यूज' को दिए साक्षात्कार में ट्रंप ने कहा था, "हम एक जहाजी सैन्य बेड़ा भेज रहे हैं, बेहद मजबूत बेड़ा. हमारे पास पनडुब्बियां हैं, वे भी बेहद ताकतवर हैं, किसी विमानवाहक पोत से भी मजबूत."
सीएनएन के मुताबिक, अत्याधुनिक मारक मिसाइलों से लैस यह पनडुब्बी बेहद सटीक और आधुनिक संचार प्रणाली से भी लैस है. 560 फुट लंबी इस पनडुब्बी मिशिगन का वजन 18,000 टन है और ओहियो श्रेणी की चार पनडुब्बियों में से एक है. ओहियो श्रेणी की ये चारों पनडुब्बियां 154 टॉमहॉक क्रूज मिसाइलों से लैस हैं. प्रत्येक पनडुब्बी में 66 नौसैनिक तैनात किए जा सकते हैं.
गौरतलब है कि उत्तर कोरिया ने रविवार को पश्चिमी प्रशांत महासागर इलाके में जापान के दो युद्धक पोतों के साथ संयुक्त सैन्याभ्यास में हिस्सा ले रहे, अमेरिका के विमानवाहक पोत यूएसएस कार्ल विंसन को रसातल में भेज देने की धमकी दी थी.