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भारत की कोरोना वैक्सीन को ब्राजील का रेड सिग्नल, कहा- मानकों पर खरे नहीं

खबरों के मुताबिक ब्राजील सरकार का कहना है कि गुड मेन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिसेज के मानक पर वैक्सीन खरी नहीं उतरती है. रॉयटर्स के मुताबिक ब्राजील ने बीते महीने भारतीय कंपनी के साथ वैक्सीन की 20 करोड़ डोज लेने का करार किया था. भारत बायोटेक ने 8 मार्च को ब्राजील में वैक्सीन के आपात इस्तेमाल के लिए आवेदन किया था.

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ब्राजील ने कोवैक्सीन लेने से मना कर दिया है. (सांकेतिक तस्वीर)
ब्राजील ने कोवैक्सीन लेने से मना कर दिया है. (सांकेतिक तस्वीर)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 2 करोड़ डोज के लिए भारत बायोटेक से हुआ था करार
  • यूके के वैरिएंट के खिलाफ भी प्रभावी है वैक्सीन
  • भारत बायोटेक पर लगाए ये आरोप

कोरोना वायरस से बुरी तरह से प्रभावित ब्राजील ने भारतीय कंपनी भारत बायोटेक द्वारा बनाई गई कोवैक्सीन लेने से मना कर दिया है. ब्राजील के हेल्थ रेग्युलेटर एनविसा (Anvisa) ने यह फैसला लिया है. ब्राजील की तरफ से कोवैक्सीन की 2 करोड़ डोज ऑर्डर की गई थी. बता दें कि अमेरिका के बाद ब्राजील कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित है.

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खबरों के मुताबिक ब्राजील सरकार का कहना है कि गुड मेन्युफैक्चरिंग प्रैक्टिसेज के मानक पर वैक्सीन खरी नहीं उतरती है. रॉयटर्स के मुताबिक ब्राजील ने बीते महीने भारतीय कंपनी के साथ वैक्सीन की 20 करोड़ डोज लेने का करार किया था. भारत बायोटेक ने 8 मार्च को ब्राजील में वैक्सीन के आपात इस्तेमाल के लिए आवेदन किया था.

भारत बायोटेक और उसके ब्राज़ीलियाई पार्टनर प्रिसिसा मेडिकामेंटोस ने इस मसले पर एक बयान जारी कर कहा है कि वे इस फैसले पर अपील करेंगे और इस बात का सबूत पेश करेंगे कि वैक्सीन के निर्माण में सभी आवश्यकताओं का अनुपालन किया गया है. बता दें कि भारत समेत पांच देशों में कोवैक्सीन के इस्तेमाल को मंजूरी मिल चुकी है.

गौरतलब है कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के सहयोग से भारत बायोटेक द्वारा निर्मित कोवैक्सीन को जनवरी में राष्ट्रीय दवा नियामक द्वारा आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दी गई थी. वैक्सीन को केवल क्लीनिकल ट्रायल मोड में इस्तेमाल की मंजूरी मिली थी. हालांकि बाद में भारत में क्लीनिकल ट्रायल के तीसरे चरण में वैक्सीन के 81 प्रतिशत प्रभावी होने के बाद इसके सामान्य इस्तेमाल की मंजूरी दे दी गई थी.

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भारत बायोटेक का कहना है कि यह वैक्सीन यूके के वैरिएंट के खिलाफ भी प्रभावी है. सरकार ने कहा है कि वेरिएंट के खिलाफ इसकी प्रभाव को देखते हुए कोवैक्सीन के कंपोजिशन में किसी फेरबदल की आवश्यकता महसूस नहीं की गई है.
 

 

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