भ्रष्टाचार के विरुद्ध मुहिम छेड़ने वाले सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने कहा है कि उन्हें गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी पर मुहर लगाने में खुशी होगी बशर्ते कि वह भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) छोड़ दें.
अमेरिकी अखबार हफिंगटन पोस्ट ने खबर दी है कि अन्ना हजारे ने 20 अगस्त को डेलावरे में हिंदू मंदिर द्वारा आयोजित भारतीय मूल के अमेरिकी समुदाय, विद्वानों, चिंतकों की एक बैठक में यह टिप्पणी की.
डेलावेयर विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर और इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल पॉलिसी एंड अंडरस्टैंडिंग के फेलो मुक्तेदार खान ने इस अखबार में लिखा है, ‘अन्ना हजारे ने नरेंद्र मोदी पर मुहर नहीं लगाई, उन्होंने कहा कि उन्हें राजनीतिक दलों पर विश्वास नहीं है और चूंकि मोदी राजनीतिक दल बीजेपी के सदस्य हैं, ऐसे में वह उन पर मुहर नहीं लगा सकते.’
खान ने लिखा है, ‘लेकिन जब उन पर मोदी को एक व्यक्ति विशेष के रूप में मुहर लगाने के लिए दबाव डाला गया तब उन्होंने कहा कि मोदी यदि बीजेपी छोड़ देते हैं तो उन्हें उन पर मुहर लगाने में खुशी होगी.’
डेलवेयर कार्यक्रम के संचालक खान ने कहा कि (अन्ना हजारे जैसे) नैतिक कार्यकर्ता के लिए यह एक राजीनीतिक उत्तर था.
खान ने कहा, ‘अन्ना मोदी के समर्थकों को नाराज किए बगैर ही मोदी पर मुहर लगाने के विषय से बाहर निकल जाने की कोशिश कर रहे थे लेकिन मुझे शक हो रहा है कि उन्होंने मोदी की आलोचना नहीं कर हिंदू धर्म निरपेक्षवादियों को नाराज कर दिया और मोदी पर मुहर नहीं लगाकर हिंदू राष्ट्रवादियों को निराश कर दिया.’ अन्ना का यह कथित बयान मोदी पर उनके अन्य बयानों से भिन्न है.