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नीदरलैंड्स में सत्ता बदलने से क्यों डरे हुए हैं मुसलमान? चर्चा में मुस्लिम मेयर के बेटे का बयान

नीदरलैंड्स के आम चुनाव में धुर दक्षिणपंथी इस्लाम विरोधी पार्टी पीवीवी की जीत हुई है. इसके नेता गीर्ट विल्डर्स, जो प्रधानमंत्री बन सकते हैं, मुसलमान विरोधी बयानों के लिए जाने जाते हैं. वो इस्लाम को पिछड़ा धर्म बताते हैं. इस बात को लेकर नीदरलैंड्स के मुसलमान डरे हुए हैं.

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नीदरलैंड्स में सत्ता परिवर्तन से वहां के मुसलमान डरे हुए हैं (सांकेतिक तस्वीर- रॉयटर्स)
नीदरलैंड्स में सत्ता परिवर्तन से वहां के मुसलमान डरे हुए हैं (सांकेतिक तस्वीर- रॉयटर्स)

नीदरलैंड्स के चुनाव में धुर दक्षिणपंथी नेता गीर्ट विल्डर्स और उनकी इस्लाम विरोधी पार्टी, पार्टी फॉर फ्रीडम (PVV) ने जीत हासिल की है जिसने देश के मुसलमानों में डर पैदा कर दिया है. ये वहीं नेता हैं जिन्होंने भारतीय जनता पार्टी की पूर्व नेता नुपूर शर्मा के पैगंबर मोहम्मद पर विवादित बयान का समर्थन किया था. जैसे ही यह खबर आई कि गीर्ट विल्डर्स देश के अगले प्रधानमंत्री हो सकते हैं, नीदरलैंड्स के पूर्वी शहर अर्नहेम के मेयर अहमद मार्कोच का 8 साल का बेटा डर गया. उनके बेटे को डर है कि चूंकि वो मुसलमान हैं, इसलिए उनके परिवार को देश छोड़ना पड़ेगा.

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चुनाव परिणामों से एक दिन पहले ही अहमद के बेटे के स्कूल में चुनाव परिणामों पर चर्चा हुई थी जिसमें शिक्षक ने बताया था कि किस पार्टी के जीतने से समाज में क्या बदलाव देखने को मिलेगा. अब जबकि परिणाम सामने हैं, अहमद का बेटा डर गया है कि पीवीवी के सत्ता में आने से उन्हें देश छोड़ना होगा.

अहमद ने बताया कि उन्होंने अपने परेशान बेटे को सांत्वना दी. उन्होंने द गार्डियन से बातचीत में कहा, 'मेरे बेटे का यह कहना कि हमें देश छोड़ना पड़ेगा, दिल तोड़ने वाला था. वो एक मेयर का बेटा है और उसे डर है कि नई सरकार मुसलमान होने के कारण हमारे परिवार को समाज से बाहर कर देगी.'

लेबर पार्टी के नेता अहमद मार्कोच 2017 से अर्नहेम के मेयर हैं जो लगभग 170,000 निवासियों का घर है. लेकिन चुनाव के नतीजों से वो भयभीत हैं. अहमद 10 साल की उम्र में नीदरलैंड्स में बस गए थे. अहमद के राजनीतिक करियर के दौरान गीर्ट विल्डर्स हमेशा उनको निशाना बनाते रहे हैं. अब जबकि विल्डर्स जीत गए हैं, अहमद यह समझ नहीं पा रहे हैं कि इस बात का सामना कैसे किया जाए.

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हिजाब पर प्रतिबंध, शरणार्थियों को रोकने का वादा

गेल्डरलैंड, जिसकी राजधानी अर्नहेम है, वहां इस्लाम विरोधी पार्टी PVV सबसे ज्यादा वोट पाने वाली पार्टी बनकर उभरी है. पार्टी ने चुनाव के दौरान लोगों से वादा किया था कि नए शरणार्थियों को देश में नहीं लिया जाएगा, सार्वजनिक भवनों में इस्लामिक ड्रेस हिजाब पर रोक लगाई जाएगी और दोहरी नागरिकता वाले अपराधियों को निर्वासित किया जाएगा. वादों में यूरोपीय संघ के श्रमिकों की मुक्त आवाजाही को समाप्त रोकना भी शामिल है.

अहमद का कहना है कि PVV के सत्ता में आने के पीछे लुभावने वादों के अलावा महंगाई और आवास की बढ़ती कीमतें हैं. सत्ता में रही पार्टियां लोगों को सस्ते आवास और महंगाई से छुटकारा नहीं दिला पाई हैं जिससे निराश लोगों ने PVV को चुना है.

अहमद कहते हैं, '40 सालों से लोगों ने केवल नेताओं के वादे सुने हैं कि मुझे वोट दें और आपका जीवन बेहतर हो जाएगा. लेकिन इतने समय बाद भी लोगों के लिए परिस्थितियां जस की तस बनी हुई हैं. यह एक सच है और यही सच्चाई विल्डर्स को सत्ता में लेकर आई है.'

अहमद कहते हैं कि चुनाव के दौरान विल्डर्स लोगों से कहते रहे थे कि उन्हें लोगों के दर्द का आभास है और वो भी वही दर्द महसूस करते हैं. नीदरलैंड्स की जनता पारंपरिक नेताओं के वादों से परेशान थी और विल्डर्स के ऐसे शब्दों ने उन्हें अपने पक्ष में कर लिया.

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'अहमद को इस्लामिक देश में मेयर बनना चाहिए'

अहमद ने कहा कि नीदरलैंड्स का मुसलमान समुदाय चुनाव के नतीजों से सदमे में है क्योंकि PVV का इतिहास मुसलमानों को अपमानित करने का रहा है. पार्टी मस्जिदों और कुरान पर प्रतिबंध लगाने और मुसलमानों को उनके अधिकारों से वंचित रखने की बात करती रही है.

साल 2017 में जब यह खबर आई की अहमद मार्कोच अर्नहेम के मेयर चुने गए हैं, विल्डर्स कुछ लोगों के साथ विरोध करने के लिए शहर में आ गए थे. उन्होंने एक बयान में कहा था कि अहमद को अर्नहेम का नहीं बल्कि रबात (इस्लामिक देश मोरक्को की राजधानी) का मेयर बनना चाहिए.

नुपूर शर्मा का किया था समर्थन

पिछले साल भाजपा की पूर्व नेता नुपूर शर्मा ने पैगंबर मोहम्मद को लेकर एक टीवी डिबेट के दौरान आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी थी जिसके बाद पूरी इस्लामिक दुनिया बौखला गई थी. बयान को लेकर नुपूर शर्मा की खूब आलोचना हुई थी लेकिन विल्डर्स उनके समर्थन में आ गए थे.

विल्डर्स का कहना था कि नुपूर शर्मा ने जो कहा वो सच है और इसे लेकर इस्लामिक दुनिया का गुस्सा होना हास्यास्पद है. इस्लाम विरोधी माने जाने वाले विल्डर्स इस्लाम को पिछड़ा धर्म बताते हैं.

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