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ट्रंप के गाजा प्लान के खिलाफ इस्लामिक देशों की बैठक, सऊदी अरब ने क्या कहा?

मिस्र की राजधानी काहिरा में अरब लीग की बैठक हुई है. इस बैठक में सऊदी, यूएई समेत सभी अरब देशों ने मिस्र के गाजा पुनर्निर्माण प्लान को स्वीकार किया. यह प्लान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के गाजा प्लान का विकल्प माना जा रहा है.

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अरब लीग की बैठक में मिस्र के गाजा पुनर्निर्माण प्लान को स्वीकार कर लिया गया है (Photo- Reuters)
अरब लीग की बैठक में मिस्र के गाजा पुनर्निर्माण प्लान को स्वीकार कर लिया गया है (Photo- Reuters)

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप गाजा के पुनर्निर्माण के लिए जो प्लान लेकर आए, उस पर मुस्लिम देशों ने भारी नाराजगी जताई थी. उनके प्लान में फिलिस्तीनियों को कहीं और बसाने और गाजा को 'Middle East Riviera' यानी एक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की बात कही गई थी. ट्रंप के इस प्लान से नाराज अरब देशों के नेताओं ने मंगलवार को गाजा के लिए मिस्र के पुनर्निर्माण योजना को मंजूरी दी है.

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मिस्र के प्लान में गाजा के पुनर्निर्माण की लागत 53 अरब डॉलर आंकी गई है और इसके लिए फिलिस्तीनियों को कहीं और बसाने की भी जरूरत नहीं होगी. सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने भी मिस्र के प्लान का स्वागत किया है.

मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सीसी ने कहा कि काहिरा में आयोजित अरब लीग शिखर सम्मेलन में गाजा पुनर्निर्माण प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया गया है. शिखर सम्मेलन के दौरान सीसी ने राष्ट्रपति ट्रंप का जिक्र करते हुए कहा कि वो इस बात से पूरी तरह आश्वस्त थे कि ट्रंप गाजा पट्टी को बर्बाद कर देने वाले संघर्ष को खत्म कर शांति लाएंगे. डोनाल्ड ट्रंप और उनके सहयोगियों के प्रयासों से ही इजरायल और हमास के बीच संघर्षविराम हुआ है.

मिस्र का गाजा पुनर्निर्माण प्लान 112 पेज का डॉक्यूमेंट है जिसमें मैप के जरिए दिखाया गया है कि गाजा किस तरह से फिर से विकसित किया जाएगा. डॉक्यूमेंट में एआई से बनाई गई हाउसिंग डेवलपमेंट, बगीचों और कम्यूनिटी सेंटर की रंग-बिरंगी तस्वीरें भी शामिल हैं.

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गाजा के भविष्य पर सवाल, अरब लीग नेताओं ने क्या कहा?

7 अक्टूबर 2023 को शुरू हुए इजरायल-हमास युद्ध में फिलिस्तीनियों का शहर गाजा बर्बाद हो चुका है. कुछ समय पहले दोनों पक्षों के बीच संघर्षविराम तो हो गया लेकिन गाजा के भविष्य को लेकर बड़े सवाल खड़े हो गए हैं. गाजा के पुनर्निमाण में लगने वाला अरबों डॉलर कहां से आएगा, शहर का प्रशासन कौन संभालेगा- अरब शिखर सम्मेलन में ये सवाल भी उठे और इनका जवाब तलाशने की कोशिश की गई.

राष्ट्रपति सीसी ने कहा कि मिस्र ने फिलिस्तीनियों के साथ मिलकर स्वतंत्र, पेशेवर फिलिस्तीनी टेक्नोक्रेट्स की एक प्रशासनिक समिति बनाई है जिसे फिलहाल गाजा के शासन का दायित्व सौंपा गया है.

उन्होंने कहा कि समिति फिलिस्तीनी प्राधिकरण (PA) की वापसी तक अस्थायी समय के लिए मानवीय सहायता की निगरानी और गाजा पट्टी के प्रबंधन के लिए जिम्मेदार होगी.

वहीं, दूसरा सबसे बड़ा मुद्दा फिलिस्तीन के लड़ाका संगठन हमास का है जो 2007 से गाजा पर शासन कर रहा है और जिसे PA का प्रतिद्वंद्वी माना जाता है.

मिस्र के गाजा प्लान पर फिलिस्तीनी प्राधिकरण के राष्ट्रपति क्या बोले?

फिलिस्तीनी प्राधिकरण का नेतृत्व करने वाले फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने कहा है कि वो मिस्र के प्लान का स्वागत करते हैं. साथ ही उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप से आग्रह किया है कि वो इस तरह की योजना का समर्थन करें जिसमें फिलिस्तीनियों को विस्थापित करने की जरूरत न पड़े.

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2005 से फिलिस्तीनी प्राधिकरण के राष्ट्रपति अब्बास ने कहा कि अगर परिस्थितियां ठीक रहती हैं तो वो चाहेंगे कि गाजा में राष्ट्रपति और संसदीय चुनाव हों.

मिस्र के गाजा प्लान का संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी स्वागत किया है. उन्होंने कहा है कि इस प्लान में फिलिस्तीनियों को विस्थापन का दर्द नहीं सहना पड़ेगा.

गुटेरेस ने कहा, 'गाजा पुनर्निमाण के लिए समर्थन जुटाने के अरब देशों के प्रयास का मैं बहुत स्वागत करता हूं. संयुक्त राष्ट्र इस पहल में पूर्ण समर्थन देने के लिए तैयार है.'

हमास के एक प्रवक्ता ने भी कहा है कि समूह मिस्र के पहल का समर्थन करता है.

गाजा पुनर्निर्माण में अहम है सऊदी अरब और यूएई का सहयोग

गाजा के पुनर्निर्माण में मध्य-पूर्व के दो देशों सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) का योगदान अहम रहने वाला है. गाजा के पुनर्निर्माण में खर्च होने वाले पैसों की फंडिंग में इन दोनों धनी देशों की जरूरत होगी.

मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने बताया कि यूएई हमास को अपने अस्तित्व के लिए खतरा मानता है और तुरंत समूह का निरस्त्रीकरण चाहता है लेकिन अन्य अरब देश ऐसा नहीं चाहते. उनका मानना है कि हमास के निरस्त्रीकरण के लिए धीमी प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए.

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सऊदी रॉयल कोर्ट के एक करीबी सूत्र ने बताया कि सऊदी अरब का कहना है कि गाजा में हमास की मौजूदगी एक बाधा थी क्योंकि अमेरिका और इजरायल इसे दुश्मन मानते हैं.

शिखर सम्मेलन में अपने भाषण के दौरान सऊदी अरब के विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान ने कहा है कि वर्तमान अस्थायी संघर्षविराम को कायम रखने के लिए अंतरराष्ट्रीय गारंटी की जरूरत है. साथ ही उन्होंने गाजा पट्टी के प्रशासन को संभालने में फिलिस्तीनी प्राधिकरण की भूमिका की सराहना भी की.

मिस्र के गाजा प्लान पर सऊदी क्राउन प्रिंस के मंत्री क्या बोले?

सऊदी अरब के कैबिनेट ने मंगलवार को अरब लीग शिखर सम्मेलन में गाजा को लेकर हुए फैसले का स्वागत किया. मिस्र के गाजा प्लान में यह भी मांग की गई कि फिलिस्तीन में अंतरराष्ट्रीय शांतिदूत सेना की तैनाती की जाए.

क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की अध्यक्षता में हुई साप्ताहिक कैबिनेट मीटिंग में सऊदी अरब के मंत्रियों ने गाजा में मानवीय मदद रोके जाने के इजरायल के फैसले की निंदा की. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इन गंभीर उल्लंघनों के प्रति अपनी जिम्मेदारी संभालने, अंतरराष्ट्रीय जवाबदेही तंत्र को सक्रिय करने और सहायता तक स्थायी पहुंच सुनिश्चित करने का आह्वान किया.

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